नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) रामसर स्थलों की सूची में भारत की पांच और आर्द्रभूमि को शामिल किया गया है। इसी के साथ भारत में रामसर स्थलों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने बुधवार को यह जानकारी दी।
रामसर स्थलों (अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि) में शामिल किये गए पांच में से तीन स्थल अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व, अघनाशिनी एस्चुएरी और मगदी केरे संरक्षण रिजर्व कर्नाटक में स्थित हैं। जबकि दो अन्य, कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य और लॉन्गवुड शोला रिजर्व वन तमिलनाडु में हैं।
यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण पर जो जोर दिया है उससे भारत के अपनी आर्द्रभूमि की देखरेख करने के तरीके में एक आदर्श बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा परिकल्पित अमृत धरोहर पहल को दर्शाता है। केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों को बधाई दी, जहां के आर्द्रभूमि स्थलों ने रामसर सूची में जगह बनाई है।
ईरान के रामसर में 1971 में हस्ताक्षरित रामसर संधि के अनुबंध पक्षों पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में भारत भी शामिल है। भारत ने इस संधि की पुष्टि एक फरवरी 1982 में की थी। दुनिया भर में दो फरवरी को विश्व वेटलैंड दिवस (डब्ल्यूडब्ल्यूडी) मनाया जाता है।
रामसर सूची का उद्देश्य आर्द्रभूमि के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का विकास और उसकी देखरेख करना है, जोकि वैश्विक जैविक विविधता के संरक्षण और मानव जीवन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
भाषा योगेश पवनेश
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