इंदौर, 20 मई (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार ने सूबे के पांच प्रमुख शहरों की सुनियोजित तरक्की को रफ्तार देने के मकसद से उन्हें मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के तौर पर विकसित करने के लिए एक कानून के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में इंदौर के ऐतिहासिक राजबाड़ा महल में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘मध्यप्रदेश मेट्रोपोलिटन क्षेत्र नियोजन और विकास अधिनियम 2025’ के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर के आस-पास सुनियोजित विकास के लिए मेट्रोपोलिटन प्राधिकरण बनाने का फैसला किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में दो मेट्रोपोलिटन विकास प्राधिकरण बनाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पहला मेट्रोपोलिटन विकास प्राधिकरण इंदौर, उज्जैन, देवास, धार और शाजापुर जिलों के हिस्सों को मिलाकर बनाया जाएगा, जबकि दूसरा मेट्रोपोलिटन विकास प्राधिकरण भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा और ब्यावरा के हिस्सों को मिलाकर बनाया जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री इन प्राधिकरणों के अध्यक्ष होंगे।
यादव ने मेट्रोपोलिटन विकास प्राधिकरणों के गठन के फैसले का हवाला देते हुए संवाददाताओं को बताया,‘‘राजबाड़ा में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में हमारी सरकार ने ऐसे जनहितैषी और दूरगामी फैसले किए हैं जिनका असर कई सदियों तक देखा जाएगा।’’
मुख्यमंत्री ने बताया कि देश की आजादी के बाद यह पहला अवसर था, जब राजबाड़ा में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई हो।
प्रदेश सरकार ने इंदौर के पूर्व होलकर राजवंश की शासक देवी अहिल्याबाई के 300वें जयंती वर्ष के समापन के अवसर पर राजबाड़ा में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की। इसके लिए राजबाड़ा को इसके ऐतिहासिक स्वरूप में सजाया गया था।
इंदौर, पूर्व होलकर शासकों की राजधानी रहा है और राजबाड़ा इन शासकों का महल था। राजबाड़ा का निर्माण लगभग 200 साल पहले हुआ था और यह महल पर्यटकों के लिए आकर्षण का विशेष केंद्र है।
इंदौर की सांस्कृतिक पहचान से जुड़े राजबाड़ा की वास्तुकला फ्रांसीसी, मराठा और मुगल शैली के कई रूपों व वास्तु शैलियों का मिश्रण है। लकड़ी और पत्थर से बनी यह सात मंजिला इमारत शहर के बीचों-बीच स्थित है।
भाषा हर्ष नोमान
नोमान
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