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सोमवार, 28 अप्रैल, 2025
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वायु प्रदूषण से भारत में पांच लाख लोगों की मौत, 97 फीसदी जान कोयले से गई : रिपोर्ट

स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर लांसेट काउंटडाउन 2019 रिपोर्ट में चेतावनी- अगर भारत में कोयला आधारित ईंधन का इस्तेमाल बंद नहीं हुआ तो देश में वायु प्रदूषण का स्तर और बिगड़ेगा.

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नई दिल्ली : भारत में 2016 में पांच लाख से अधिक लोगों की मौत वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर की वजह से हुयी जिनमें से 97 हजार लोग कोयला जलाने की वजह से निकले धुएं का शिकार हुए. एक नयी रिपोर्ट में गुरुवार को यह बात कही गयी.

स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर लांसेट काउंटडाउन 2019 रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी गयी है कि अगर भारत में कोयला आधारित ईंधन का इस्तेमाल बंद नहीं हुआ तो देश में वायु प्रदूषण का स्तर और बिगड़ेगा.

कोयले का इस्तेमाल तेजी से कम होने की जरूरत बताते हुए रिपोर्ट कहती है कि पेरिस समझौते की प्रतिबद्धताओं को पूरा करना बहुत अहमियत रखता है.

रिपोर्ट को 35 वैश्विक संस्थाओं ने तैयार किया है. इसमें कहा गया है, ‘भारत में 2016 से 2018 तक कोयले का उपयोग 11 प्रतिशत बढ़ा है और 2016 में प्रदूषणकारी तत्व (पीएम 2.5) के खतरनाक स्तर की वजह से समय पूर्व मौत के 5.29 लाख से अधिक मामलों में से 97,400 से अधिक मामले कोयल के धुएं के कारण सामने आए.’

इसमें कहा गया, ‘ऊर्जा उपभोग के तरीकों को तेजी से बदलना होगा और यदि ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करना है तो 2019 से 2050 तक कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में साल दर साल कम से कम 7.4 प्रतिशत की कटौती करनी होगी.’

रिपोर्ट के अनुसार कोयले का चरणबद्ध तरीके से उपयोग समाप्त करना जरूरी है. ऐसा केवल जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए नहीं बल्कि वायु प्रदूषण से मृत्यु दर को भी कम करने के लिए जरूरी है.

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