scorecardresearch
Friday, 15 November, 2024
होमदेशधनबाद में अवैध खनन के दौरान मलबा गिरने से चार महिलाओं समेत पांच की मौत

धनबाद में अवैध खनन के दौरान मलबा गिरने से चार महिलाओं समेत पांच की मौत

Text Size:

धनबाद, एक फरवरी (भाषा) झारखंड में धनबाद जिले के निरसा में सोमवार रात तीन खुली खदानों में अवैध कोयला खनन के दौरान मलबा धंस से बड़ा हादसा हो गया और चार महिलाओं समेत पांच की मौत हो गयी जबकि दर्जन भर से अधिक अन्य लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है।

पुलिस सूत्रों ने दर्जन भर से अधिक लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताते हुए बताया कि आज दोपहर तक गोपीनाथपुर की खदान से चार महिलाओं समेत पांच लोगों के शवों को निकाला गया है। शवों की हालत ऐसी है कि उनकी पहचान नहीं की जा सकी है।

सूत्रों ने बताया कि पुलिस की टीम घटनास्थल पर है तथा राहत और बचाव कार्य तेजी से किये जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पहली दुर्घटना ईसीएल की कापासाड़ा खदान में कल शाम हुई। दूसरी दुर्घटना भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) की चाच विक्टोरिया खदान में रात में हुई जबकि तीसरी दुर्घटना आज सुबह गोपीनाथपुर की खदान में हुई।

धनबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि ग्रामीण पुलिस अधीक्षक रेशमा के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया गया है जो मामले की जांच कर रहा है।

उन्होंने बताया कि राहत बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है लेकिन खदानों में फंसे लोगों के बारे में ठीक-ठीक कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि तीनों खदानें खनन के बाद खाली छोड़ दी गयी हैं और वहां अवैध रूप से खनन किया जा रहा था।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मंगलवार सुबह दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। इस दौरान अवैध कोयला खनन कराने वाले माफिया ने लोगों को वहां से भगा दिया। घटना की सूचना मिलने के बाद ईस्टर्न कोल लिमिटेड (ईसीएल) की तरफ से पोकलेन मशीनों को भेजा गया था लेकिन माफिया ने उन्हें भी काम नहीं करने दिया।

बाद में जब मौके पर पुलिस पहुंची उसके बाद ही राहत और बचाव कार्य शुरू किया जा सका।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तीनों खदानों में हुई दुर्घटना में अभी भी दर्जन भर से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है और अपुष्ट सूत्रों के अनुसार मलबे में दो से तीन दर्जन लोग भी दबे हो सकते हैं। चूंकि खदानों में अवैध खुदाई हो रही थी लिहाजा जिन परिवारों के लोग लापता हैं अथवा खदानों में फंसे हुए हैं वे खुल कर सामने नहीं आ रहे हैं जिसके चलते उनकी सही संख्या का पता नहीं चल पा रहा है।

भाषा, संवाद, इन्दु

राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments