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शनिवार, 14 जून, 2025
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पांच विदेशी विश्वविद्यालयों को मुंबई में परिसर स्थापित करने के लिए आशय पत्र मिला

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(फोटो सहित)

नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को मुंबई में अपने परिसर स्थापित करने के लिए पांच विदेशी विश्वविद्यालयों को आशय पत्र (एलओआई) सौंपे।

ये पांच विश्वविद्यालय हैं – शिकागो का इलिनोइस टेक, स्कॉटलैंड का एबरडीन विश्वविद्यालय, ब्रिटेन का यॉर्क विश्वविद्यालय, वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय और इटली का इंस्टीट्यूटो यूरोपियो डी डिजाइन।

प्रधान ने कहा ‘‘ऐतिहासिक शहर मुंबई सपनों और उत्साह का शहर है। यह अपनी बुद्धिमत्ता और उद्यमशीलता की भावना के लिए भी जाना जाता है। नवी मुंबई में स्थापित की जा रही मुंबई एडुसिटी, मुंबई को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी और इसे वैश्विक ज्ञान राजधानियों में शामिल करेगी।’’

प्रधान ने कहा, ‘‘मुंबई एडुसिटी एक वैश्विक, भविष्य के लिए तैयार शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लोकाचार के अनुरूप विचारों, प्रतिभा और विश्वास की दो-तरफा आवाजाही को सुविधाजनक बनाने की दिशा में साहसिक कदम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत की शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, तथा यह विश्वस्तरीय शिक्षा के साथ युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में हमारे संकल्प से लेकर कार्यान्वयन तक की यात्रा को दर्शाता है।’’

शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुंबई एडुसिटी, शिक्षा, नवाचार और ज्ञान के वैश्विक केंद्र के रूप में ‘‘हमारी सभ्यतागत भावना का सम्मान करने और हमारी विरासत को पुनः प्राप्त करने’’ का एक प्रयास है।

वर्ष 2023 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के विनियमन के तहत परिसरों की स्थापना और संचालन की घोषणा की थी।

ब्रिटेन का साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय इस वर्ष भारत में अपना परिसर स्थापित करने की प्रक्रिया में है, जबकि दो ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों डीकिन और वोलोंगोंग के पहले से ही गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में परिसर हैं।

क्वीन्स विश्वविद्यालय बेलफास्ट और कोवेंट्री विश्वविद्यालय को भी गिफ्ट सिटी में परिसर स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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