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Sunday, 6 October, 2024
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सैन्य कमांडरों का पांच दिवसीय सम्मेलन शुरू

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नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) सेना के शीर्ष कमांडरों ने सोमवार को चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों तथा सेना की समग्र लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा शुरू की।

सैन्य कमांडरों का पांच दिवसीय सम्मेलन आज शुरू हुआ जिसमें सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की अध्यक्षता में कमांडर अनेक विषयों पर विचार कर रहे हैं। इनमें 13 लाख कर्मियों वाली सेना में जारी सुधार प्रक्रिया, तीनों सेनाओं के बीच समन्वय के साथ सामूहिक कार्रवाई से संबंधित मामले और प्रमुख भूराजनीतिक घटनाक्रम जैसे अनेक मुद्दों पर मंथन किया जा रहा है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 18 अक्टूबर को सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं।

सैन्य कमांडरों को संबोधित करने वालों में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी शामिल हैं।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद भी ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना’’ विषय पर संबोधित करेंगे।

सेना ने शनिवार को कहा था, ‘‘शीर्ष नेतृत्व भारतीय सेना की अभियान संबंधी तैयारियों की समीक्षा करने के अलावा मौजूदा या उभरते सुरक्षा परिदृश्यों में मंथन करेगा।’’

उसने कहा, ‘‘वे इस समय जारी बदलाव प्रक्रिया, प्रशिक्षण संबंधी मुद्दे, एचआर प्रबंधन पहलू और सेवारत एवं पूर्व सैनिकों को प्रभावित करने वाले मुद्दों की समीक्षा के साथ महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन करेंगे।’’

हमास-इजराइल संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध समेत क्षेत्रीय सुरक्षा हालात एवं भूराजनीतिक घटनाक्रमों पर भी सम्मेलन में चर्चा की जा सकती है।

अधिकारियों ने बताया कि चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और पाकिस्तान से लगी सीमा के हालात पर भी बातचीत होगी।

उन्होंने कहा कि हर साल अप्रैल और अक्टूबर में होने वाले शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक सम्मेलन में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद निरोधक अभियानों तथा केंद्रशासित प्रदेश के समग्र हालात पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

भाषा

वैभव मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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