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Saturday, 20 April, 2024
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केरल में मंकीपॉक्स से मौत का पहला मामला, युवक UAE में हुआ था संक्रमित

त्रिशूर जिले के चावक्कड़ कुरंजीयूर के रहने वाले युवक संयुक्त अरब अमीरात में टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया था और 30 जुलाई को केरल में उसकी मृत्यु हो गई.

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तिरुवनंतपुरम (केरल): राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को कन्फर्म किया कि 30 जुलाई को मृत पाए गए 22 वर्षीय युवक में मंकीपॉक्स के जूनोटिक संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं.

त्रिशूर जिले के चावक्कड़ कुरंजीयूर के रहने वाले युवक का संयुक्त अरब अमीरात में टेस्ट पॉजिटिव आया था और 30 जुलाई को केरल में उसकी मृत्यु हो गई. ’26 जुलाई की शाम को उसे असामान्य झटका लगा और उसे बुखार भी था. 27 जुलाई को वह एडमिट किया गया था और 28 जुलाई को उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था.’

30 जुलाई को अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया कि वह 19 जुलाई को यूएई में मंकीपॉक्स पॉजिटिव हुआ था. हमारी टीम वहां गई, दुर्भाग्य से शाम को उसकी मौत हो गई. हमारी प्रक्रिया के अनुसार, हमने नमूने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) अलाप्पुझा को भेजे थे और परीक्षण के परिणाम बताते हैं कि वह मंकीपॉक्स के पॉजिटिव था.’ जॉर्ज ने कहा.

उसका इंसेफेलाइटिस और अल्टर्ड सीजर्स और अन्य बीमारियों इलाज भी चल रहा था, उसे एंटीबायोटिक्स दी गई थी.

वर्तमान में, 20 लोग हाई रिस्क वाले संपर्क में आने के कारण निगरानी में हैं जिनमें तीन स्वास्थ्यकर्मी, एक डॉक्टर और निजी अस्पताल के दो नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं.

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह साफ नहीं है कि क्या परिवार ने इस जानकारी को छुपाया है कि व्यक्ति का संयुक्त अरब अमीरात में टेस्ट किया गया था.

उन्होंने कहा, ‘हमने राज्य के मेडिकल बोर्ड के सदस्यों सहित एक राज्य-स्तरीय टीम का गठन किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वास्तव में क्या हुआ है. और नमूने की जीनोमिक अनुक्रमण एनआईवी में किया जा रहा है.’

उन्होंने आगे बताया कि कालीकट हवाई अड्डे पर आगमन के दिन उसे थर्मल स्कैनिंग के दौरान बुखार या चकत्ते के कोई लक्षण नहीं दिखे रहे थे, लेकिन उसे चार सप्ताह पहले बुखार था और 26 जुलाई को यह उसे फिर से हुआ.

उन्होंने कहा, ‘एक प्रारंभिक रिपोर्ट कहती है कि यह एक पश्चिम अफ्रीकी वैरिएंट है.’

मंत्री ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि हवाईअड्डे पर प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी ताकि यदि व्यक्ति को तेज बुखार हो तो वह हेल्प डेस्क पर जा सकता है.

जॉर्ज ने कहा, ‘हवाईअड्डों पर थर्मल स्कैनिंग नियमित हो रही है और अगर व्यक्ति को तेज बुखार है, तो हमारे पास वहां एक हेल्प डेस्क है और स्वास्थ्यकर्मी इसका ध्यान रखेंगे. हमारे पास सभी 48 जिलों में आइसोलेशन की सुविधा है और परिवहन सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाएगी.’

उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने और जानकारी को छिपाने का भी अनुरोध किया.

उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में राज्य में दो सक्रिय मामले हैं और निगरानी में रखे गए हैं, बाकी सभी का टेस्ट निगेटिव आया था.’

विशेष रूप से, भारत में अब तक मंकीपॉक्स के पांच मामले सामने आए हैं, जिनमें से तीन मामले केरल से हैं, एक दिल्ली से और एक आंध्र प्रदेश के गुंटूर से है.

इसके बाद, केंद्र सरकार अलर्ट पर है, जबकि कुछ अन्य देशों में संक्रमण की संख्या बढ़ गई है.

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा कि घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार ने इस बीमारी को नियंत्रण में रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में, डॉ पॉल ने जोर देकर कहा कि किसी भी तरह की घबराहट की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन यह भी कहा कि यह देश और समाज सतर्क रहना महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा, ‘अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन किसी को भी लक्षण दिखने पर समय पर रिपोर्ट करनी चाहिए.’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 78 देशों से 18,000 से अधिक मामले सामने आए हैं.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस ने गुरुवार को कहा था, ‘यदि देश, समुदाय और व्यक्ति खुद को जागरूक रखें, जोखिम को गंभीरता से लें, और संक्रमण को रोकने और कमजोर समूहों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं, तो मंकीपॉक्स के प्रकोप को रोका जा सकता है.’

मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाला एक जूनोटिक रोग है, जो वायरस के एक ही परिवार से संबंधित है जो चेचक का कारण बनता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह रोग पश्चिम और मध्य अफ्रीका जैसे क्षेत्रों का है, लेकिन हाल ही में दूसरे देशों से भी मामले सामने आए हैं.


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