लखनऊ, 29 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग को केंद्र सरकार से एआई-आधारित प्रायोगिक (पायलट) परियोजना के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की मंजूरी मिल गई है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
इस परियोजना का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना, प्रवर्तन दक्षता बढ़ाना और नागरिकों के लिए अधिक पारदर्शी, तेज और सुरक्षित परिवहन सेवाएं प्रदान करना है।
मंत्रालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और बिग-डेटा एनालिटिक्स-आधारित सड़क सुरक्षा प्रायोगिक परियोजना के लिए औपचारिक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि इस पहल को मोटर वाहन अधिनियम, 1988, केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 और सभी सड़क सुरक्षा ई-प्रवर्तन मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पूरी तरह से पालन करना होगा और इससे सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पर कोई वित्तीय दायित्व नहीं आएगा।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह भारत में किसी राज्य परिवहन विभाग द्वारा किया गया पहला एआई-संचालित सड़क सुरक्षा प्रयोग है।
इस प्रायोगिक परियोजना को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आईटीआई लिमिटेड द्वारा वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी एमलॉजिका के साथ साझेदारी में शून्य लागत (प्रोबोनो) पर क्रियान्वित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग के लिए ‘डेटा-संचालित प्रशासनिक मॉडल’ स्थापित करने के लिये अपने 2025-26 के बजट में पहले ही 10 करोड़ रुपये निर्धारित कर दिए हैं।
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा, ‘यह पहल उत्तर प्रदेश को डेटा-संचालित शासन में अग्रणी बनाएगी। विभाग के प्रत्येक मुख्य कार्य में सड़क सुरक्षा से परे एआई मॉडल को एकीकृत करके, हमारा लक्ष्य अपने राज्य को तकनीकी नवाचार में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाना है।’
भाषा आनन्द प्रशांत
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