मैसुरु (कर्नाटक), 13 नवंबर (भाषा) सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा के खिलाफ पुलिस ने कांग्रेस के एक नेता की शिकायत के आधार पर एक मामला दर्ज किया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि कृष्णा ने लोगों में भय उत्पन्न करने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ गलत सूचना फैलायी।
पुलिस ने बताया कि मामला कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रवक्ता लक्ष्मण एम. की शिकायत पर मंगलवार रात दर्ज किया गया। लक्ष्मण एम. ने आरोप लगाया है कि कृष्णा ने मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए अपने फेसबुक पोस्ट में उनके खिलाफ एमयूडीए ‘घोटाला’ मामले के संबंध में गलत बयान दिए।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोपी नंबर एक बनाये गए मुख्यमंत्री पर मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा उनकी पत्नी पार्वती बी एम को 14 भूखंडों के आवंटन में अवैधता के आरोप हैं।
सिद्धरमैया, उनकी पत्नी, उनके रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू – जिनसे स्वामी ने एक जमीन खरीदी थी और उसे पार्वती को उपहार में दिया था – और अन्य को मैसूरु स्थित लोकायुक्त पुलिस प्रतिष्ठान द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई प्राथमिकी में नामजद किया गया है।
कृष्णा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया था कि तहसीलदार ने पार्वती के पक्ष में बिक्री विलेख पंजीकृत करते समय पंजीकरण शुल्क का भुगतान किया था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘यह मामला यहां देवराज पुलिस थाने में धारा 353(1) (बी) के तहत दर्ज किया गया है। यह मामला लोगों में भय पैदा करने के इरादे से झूठी सूचना, अफवाह फैलाने और प्रसारित करने से संबंधित है, जिससे कोई व्यक्ति राज्य या सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध करने के लिए प्रेरित हो सकता है।’’
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हाल ही में कृष्णा द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सिद्धरमैया और अन्य को नोटिस जारी किया था, जिसमें मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने पार्वती, स्वामी, भारत संघ, राज्य सरकार, सीबीआई, लोकायुक्त और अन्य को भी नोटिस जारी किया था। उन्होंने लोकायुक्त को मामले में अब तक की गई जांच को रिकॉर्ड में रखने का निर्देश दिया था और अगली सुनवाई 26 नवंबर को निर्धारित की है।
भाषा अमित संतोष
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