मथुरा (उप्र), 19 मार्च (भाषा) मथुरा जिले में जानकी बाई इण्टर कॉलेज के वरिष्ठ लिपिक द्वारा बीमारी के नाम पर ली गई छुट्टियों को जायज ठहराने के लिए कथित रूप से फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र पेशकर धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस संबंध में विद्यालय प्रबंधन ने न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले में कोतवाली थाने में वरिष्ठ लिपिक एवं दो अज्ञात लोगों के विरुद्ध संबंधित धाराओं में अभियोग दर्ज किया गया है।
जानकी बाई इण्टर कॉलेज के प्रबंधक के के अरोड़ा का कहना है कि वरिष्ठ लिपिक अक्षय भारद्वाज ने 18 अगस्त 2024 से पांच नवम्बर 2024 तक चिकित्सकीय अवकाश स्वीकृत कर वेतन दिलाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। भारद्वाज ने इसके पक्ष में संयुक्त चिकित्सालय वृन्दावन द्वारा जारी मेडिकल प्रमाण पत्र लगाया था।
अरोड़ा ने कहा कि लेकिन जब प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए संयुक्त चिकित्सालय वृन्दावन के चिकित्साधीक्षक को पत्र भेजा गया, तो उन्होंने अवगत कराया कि उनके यहां न तो इस नाम के किसी व्यक्ति का उपचार हुआ है और न ही संबंधित मेडिकल प्रमाण पत्र उनके चिकित्सालय द्वारा निर्गत किया गया है।
प्रबंधक के मुताबिक इससे साफ हो गया कि वेतन भुगतान के लिए कूटरचित मेडिकल प्रमाण पत्र तैयार किया गया था। इस मामले में थाना पुलिस और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजने के बाद भी जब मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई नहीं की गई, तब विद्यालय की ओर से अपर मुख्य न्यायाधिकारी (प्रथम) न्यायालय में याचिका दायर की गई।
अदालत के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी भारद्वाज एवं उसका सहयोग करने वाले दो अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध धोखाधड़ी और कूटरचित कागजात तैयार करने के मामले में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) देवपाल सिंह पुण्ढीर ने मुकदमा दर्ज किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की जांच के उपरांत प्राप्त तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
भाषा सं आनन्द
राजकुमार
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