नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के कालकाजी इलाके में किराये के एक मकान में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की कथित आत्महत्या के मामले में पुलिस ने आशंका जतायी है कि बढ़ते आर्थिक दबाव और मकान खाली करने को लेकर लगातार दबाव के कारण परिवार अवसाद में था। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि अनुराधा कपूर (52) और उनके दो बेटे — आशीष कपूर (32) तथा चैतन्य कपूर (27) — शुक्रवार को अपने घर में फंदे से लटके मिले थे। पुलिस ने बताया कि आशीष पेशे से इंजीनियर था, जबकि चैतन्य सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने बताया कि अनुराधा कपूर के दोनों बेटे बेरोजगार थे और उनके पिता का कुछ वर्ष पहले निधन हो गया था, जिसके बाद परिवार काफी हद तक अलग-थलग रह रहा था और रिश्तेदारों से संपर्क बहुत सीमित था।
पुलिस ने बताया कि तीनों शवों का पोस्टमार्टम सोमवार को किया जाएगा। यह घटना उस समय सामने आई जब अपराह्न करीब 2.47 बजे पुलिस टीम अदालत के आदेश पर संपत्ति के कब्जे से जुड़े मामले में फ्लैट पर पहुंची थी। मकान मालिक ने किराया नहीं मिलने को लेकर एक मामला दर्ज कराया था।
जांचकर्ताओं के अनुसार, परिवार पिछले डेढ़ साल से 35,000 रुपये मासिक किराया नहीं दे पा रहा था।
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त हेमंत तिवारी ने बताया कि कई बार दरवाजा खटखटाने के बावजूद किसी ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद ‘डुप्लीकेट चाबी’ से दरवाजा खोला गया।
पुलिस ने बताया कि अंदर प्रवेश करने पर पुलिस को तीनों शव पंखों से फंदे से लटके मिले। पुलिस ने बताया कि एक कमरे में लगे दो पंखों पर अनुराधा कपूर और उनके बड़े बेटे आशीष के शव थे, जबकि छोटे बेटे चैतन्य का शव दूसरे कमरे में पंखे से लटका मिला।
मौके से एक हस्तलिखित नोट भी बरामद किया गया है, जिसमें परिवार के अवसादग्रस्त होने के संकेत मिले हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नोट से भावनात्मक तनाव की पुष्टि होती है, जिसके चलते हो सकता है कि परिवार ने यह कदम उठाया हो।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, लंबे समय से आर्थिक तंगी और मकान खाली करने के दबाव के कारण परिवार गंभीर मानसिक तनाव में था।
अधिकारियों ने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है।
भाषा राखी अमित
अमित
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
