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Wednesday, 15 May, 2024
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मिडिल क्लास फिर मायूस, इनकम टैक्स को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नहीं की कोई घोषणा

जिन लोगों ने बजट से उम्मीद लगा रखी थी कि इस बार बजट में इनकम टैक्स में बदलाव होंगे या इनकम टैक्स की रकम घटाई जाएगी, उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा.

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नई दिल्ली: देश की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया. इस बजट से मध्यम वर्ग के साथ-साथ नौकरी पेशा लोग भी राहत की आस लगाए बैठ लेकिन उनकी उम्मीदों पर फिर गया क्योंकि टैक्स को लेकर कोई भी घोषणा नहीं की गई. जिन लोगों ने बजट से उम्मीद लगा रखी थी कि इस बार बजट में इनकम टैक्स में बदलाव होंगे या इनकम टैक्स की रकम घटाई जाएगी, उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा. इसका मतलब साफ है कि टैक्स में रूप में दी जाने वाली रकम पर कोई बचत नहीं मिलेगी.

हालांकि कॉर्पोरेट टैक्स को 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी करने का एलान कर दिया है. इस बजट में वर्क फ्रॉम होम डिडक्शन या स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट में बढ़ोतरी से जुड़ी कोई घोषणा नहीं की गई है. इसके साथ ही डिडक्शन लिमिट में कोई बदलाव भी नहीं किया गया है.

अब भारत में अपडेटेड टैक्स फॉर्म जारी किया गया है. लोग अब दो साल तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न में अगर गलती से कुछ छूट जाता है तो उसमें सुधार किया जा सकता है.

सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया और मानक कटौती को भी यथावत रखा.

हालांकि, कहा जा रहा था कि मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर तथा मध्यम वर्ग को महामारी के प्रभाव से कुछ राहत के लिए मानक कटौती की सीमा बढ़ाई जा सकती है. फिलहाल मानक कटौती की सीमा 50,000 रुपये है.

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आयकर विशेषज्ञ सत्येंद्र जैन ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘महामारी के बीच आम आदमी उम्मीद कर रहा था कि वित्त मंत्री मानक कटौती की सीमा एक लाख रुपये तक करेंगी, जिसके महामारी के बीच उनके हाथ में नकदी बढ़ेगी.’’

उन्होंने कहा कि इस समय इस तरह का कोई कदम मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत प्रदान करने वाला रहता.

जैन ने कहा कि इसके अलावा गृह संपत्ति से ब्याज की कटौती दो लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किए जाने की उम्मीद भी थी. लेकिन इस मोर्चे पर भी कोई राहत नहीं दी गई है.

आम बजट में व्यक्तिगत आयकर श्रेणी में स्लैब में कोई बदलाव हुआ है. साथ ही कॉरपोरेट कर की दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि, नवगठित विनिर्माण इकाइयों के लिए 15 प्रतिशत की रियायती कर दर को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है.

क्रिप्टों करेंसी पर 30 फीसदी टैक्स

निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में घोषणा की कि भारत में वर्चुअल करेंसी की शुरुआत की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार डिजिटल संपत्ति हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाएगी, इसके अलावा क्रिप्टोकाउंक्शंस का उपहार प्राप्तकर्ता के अंत में कर लगाया जाएगा. हानि को किसी अन्य लाभ से समायोजित नहीं किया जा सकता.


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