मेदिकेरी, दो अगस्त (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने पश्चिमी घाट पर कस्तूरीरंगन रिपोर्ट को खारिज करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस संबंध में अंतिम निर्णय वन मंत्री ईश्वर खांडरे के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा।
इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली पश्चिमी घाट समिति ने प्रस्ताव दिया है कि पश्चिमी घाट के कुल क्षेत्रफल का 37 प्रतिशत भाग पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ईएसए) घोषित किया जाए।
सैंतीस प्रतिशत क्षेत्र लगभग 60,000 वर्ग किलोमीटर के बराबर है। साठ हजार वर्ग किलोमीटर में से लगभग 21,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र कर्नाटक में है।
रिपोर्ट में खनन, उत्खनन, लाल श्रेणी के उद्योगों और ताप विद्युत परियोजनाओं की स्थापना पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है।
कोडगु जिले के जिला मुख्यालय मेदिकेरी में भूस्खलन और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘कस्तूरी रंगन रिपोर्ट को खारिज करने का फैसला किया गया है। वन मंत्री के साथ आगे की चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि 20 जगहों पर भूस्खलन हुआ है, जबकि कई अन्य जगहों पर छोटे पैमाने पर भूस्खलन हुआ है। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ लोग घायल हुए हैं।
सिद्धरमैया ने कहा कि 67 मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, और 176 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
भाषा देवेंद्र सुरेश
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