बेंगलुरु, तीन जून (भाषा) कमल हासन अभिनीत ‘‘ठग लाइफ’’ के निर्माताओं ने मंगलवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय को सूचित किया कि फिल्म कर्नाटक में पांच जून को रिलीज नहीं की जाएगी, जो इस फिल्म की पूरे भारत में रिलीज की निर्धारित तिथि है।
जब मामला न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना के समक्ष सुनवाई के लिए आया तो याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इसमें (बयान में) कोई दुर्भावना नहीं थी और माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक बातचीत के जरिये मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक कर्नाटक में फिल्म के रिलीज पर जोर नहीं दिया जाएगा।
अदालत ने फिल्म निर्माण कंपनी ‘राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल’ की याचिका पर अगली सुनवाई 10 जून के लिए स्थगित कर दी। याचिका में कर्नाटक में फिल्म की रिलीज के लिए पर्याप्त सुरक्षा का अनुरोध किया गया है।
न्यायालय ने अभिनेता और फिल्म निर्माता कमल हासन की हाल ही में की गई टिप्पणी की भी कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘कन्नड़ का जन्म तमिल से हुआ है।’’
अदालत ने कहा कि ‘‘एक माफी से स्थिति सुलझ सकती थी।’’
इसके अलावा, न्यायाधीश ने कहा कि किसी भी नागरिक को भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि इस मामले में माफी नहीं मांगी गयी, ‘‘भले ही ये प्रतीकात्मक ही क्यों न हो।’’
इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ‘‘माफी की जरूरत तब होती है जब कोई दुर्भावना हो, न कि किसी गलतफहमी के लिए।’’
न्यायालय ने कहा कि कन्नड़ भाषा पर कमल हासन का बयान ‘‘मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालने’’ जैसा था, जिससे कर्नाटक में अशांति फैली।
अदालत ने कहा, ‘‘स्पष्टीकरण के कई तरीके हैं, लेकिन माफी मांगने का सिर्फ एक ही तरीका है।’’
अदालत ने पाया कि हासन द्वारा कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी) को लिखे गए पत्र में स्पष्ट माफी नहीं मांगी गई थी।
हासन ने चेन्नई में अपनी आगामी तमिल फिल्म ‘‘ठग लाइफ’’ के लिए आयोजित एक प्रचार कार्यक्रम में कथित तौर पर उक्त टिप्पणी की थी, जिसके खिलाफ कर्नाटक में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। इसके बाद कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी) ने घोषणा की कि जब तक हासन माफी नहीं मांगते, तब तक राज्य में फिल्म प्रदर्शित नहीं की जाएगी।
इसके मद्देनजर, हासन द्वारा सह-स्थापित फिल्म निर्माण कंपनी ‘राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल’ ने ‘‘ठग लाइफ’’ की रिलीज के लिए सुरक्षा का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
हासन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ध्यान चिन्नप्पा ने अभिनेता द्वारा केएफसीसी को भेजे गए पत्र को पढ़ा, जिसमें कहा गया है कि कन्नड़ भाषा के विकास के संबंध में उनके हालिया बयान को गलत समझा गया और उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। अभिनेता ने यह भी कहा है कि कन्नड़ भाषा के प्रति उनका प्यार सच्चा है।
भाषा शफीक सुरेश
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