(तस्वीर के साथ)
कोलकाता, 21 अप्रैल (भाषा) कोलकाता की सड़क पर सफेद रंग की नीले ‘बॉर्डर’ की साड़ी पहने पहुंची अभिनेत्री जैकलीन फित्ची-कॉर्नज़ को देखकर ऐसा लगा कि जैसे युवा मदर टेरेसा लौट आई हैं।
फिल्म ‘मदर टेरेसा एंड मी’ में नोबेल पुरस्कार विजेता की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री जैकलीन फित्ची-कॉर्नर ने कहा कि फिल्म में काम करने का उनका अनुभव ‘‘ जीवन बदलने वाला ’’ रहा।
फिल्म में 1950 के दशक के बाद से मदर टेरेसा के जीवन को दिखाया गया है, जब वे दो अन्य भारतीय नायकों से मिलती हैं।
फिल्म में अभिनेत्री दीप्ति नवल और पंजाबी मूल की ब्रिटिश अभिनेत्री बनिता संधू भी हैं। स्विट्जरलैंड के भारतीय मूल के फिल्म निर्माता कमल मुसाले ने इस फिल्म का निर्देशन किया है।
स्विट्जरलैंड में जन्मी अभिनेत्री जैकलीन फित्ची-कॉर्नज़ ने ‘पीटीआई वीडियो’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मदर हाउस जाना और सिस्टर प्रेमा तथा अन्य नन से मिलने का अनुभव बेहतरीन रहा। उनके जूते देखना सबसे भावुक क्षण था मुझे ऐसा लगा कि मैं उन्हें चलते हुए देख पा रही हूं… जैसे मैं उनके पांव को महसूस कर पा रही हूं जिन्होंने न जाने कितने मील का सफर तय किया।’’
अभिनेत्री ने कहा कि इस फिल्म को यह बात दिलचस्प बनाती है कि इसमें मदर टेरेसा के अंतर्द्वंद्व को दिखाया गया है कि वह अपनी आस्था तथा भगवान को लेकर किस तरह के सवालों से घिरी थीं।
मदर टेरेसा द्वारा लिखे गए पत्रों की एक पुस्तक 2007 में प्रकाशित की गई थी, जिससे पता चलता है कि अपनी आस्था को लेकर वह किस तरह के सवालों में घिरी थीं और भगवान को लेकर उनकी क्या आशंकाएं थीं।
फित्ची-कॉर्नाज़ ने कहा, ‘‘ इसने मुझे काफी प्रभावित किया… मुझे लगा कि उनके मन में चल रहे द्वन्द्व को जानना जरूरी है जिसके बावजूद वह नन के तौर पर गरीबों व बेसहारा लोगों की मदद करती रहीं।’’
इस फिल्म के एक हिस्से की शूटिंग कोलकाता की सड़कों पर की गई है, हालांकि अधिकतर शूटिंग मुंबई में कई स्टूडियो में की गई।
भाषा
निहारिका मनीषा
मनीषा
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