फिरोजपुर: पिछले हफ्ते पंजाब के फिरोजपुर जिले में अपने घर पर पाकिस्तानी ड्रोन के हमले में झुलसी सुखविंदर कौर ने मंगलवार तड़के दम तोड़ दिया.
50-वर्षीय महिला, जो 100 प्रतिशत जली हुई थीं, उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट से इसकी पुष्टि की. इस बीच, उनका पति लखविंदर सिंह (55) अभी भी लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) में अपनी ज़िंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि वह भी 72 प्रतिशत तक जल गए हैं.
दंपति के 27 साल के बेटे जसवंत सिंह, जिन्हें मोनू के नाम से भी जाना जाता है, वह ठीक हैं, लेकिन छर्रे लगने के बाद उन्हें फिरोजपुर के अनिल बागी अस्पताल के सर्जिकल आईसीयू में भर्ती कराया गया था.
शुक्रवार को, तीन लोगों का परिवार रात करीब 8 बजे खाना खाने बैठा था, तभी खाई फेम के गांव में उनकी कार पर एक विस्फोटक गिरा और धमाका हो गया — पुलिस अधिकारियों के अनुसार, संभवतः यह ड्रोन का मलबा था.
धमाके की वजह से उनकी कार क्षतिग्रस्त हो गई, जो उनके मवेशियों के लिए बने शेड के नीचे खड़ी थी और फिर उस सिलेंडर ने आग पकड़ ली, जिसके पास वह खाना बना रहे थे. यह सिलेंडर उनके बैठने की जगह से बमुश्किल 5-10 मीटर की दूरी पर था. विस्फोट ने उस जगह को तहस-नहस कर दिया, जहां परिवार बैठा था और आग ने घर को अपनी चपेट में ले लिया.
शुरुआत में अनिल बागी अस्पताल में भर्ती होने के बाद दंपति को लुधियाना रेफर कर दिया गया. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को परिवार के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की.
शुक्रवार को नियंत्रण रेखा पर उल्लंघन और पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और गोला-बारूद सहित प्रोजेक्टाइल दागे जाने के बाद पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और गुजरात के अधिकांश जिलों में ब्लैकआउट की घोषणा की गई थी. इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया, जब 6 और 7 मई की मध्यरात्रि को भारत ने घातक पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया.
शनिवार देर शाम भारत और पाकिस्तान के बीच सभी शत्रुता को रोकने के लिए एक समझौता हुआ, जिससे खाई फेमे के में शुक्रवार रात को हुआ विस्फोट संघर्ष विराम से पहले अंतिम नागरिक हताहतों में से एक बन गया. शनिवार को जब दिप्रिंट ने बागी अस्पताल में परिवार से मुलाकात की, तो रिश्तेदारों ने कहा कि वह परिवार के ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं.
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