नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमण को फैलाने के लिए नेपाल के रास्ते रची जा रही बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. शुक्रवार को पश्चिमी चंपारण के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कुंदन कुमार का एक पत्र जो उन्होंने एसएसपी बेतिया को लिखा था वह वायरल हो गया है. इस पत्र में डीएम कुंदन कुमार ने पुलिस अधीक्षक सहित जिले के अन्य पुलिस अधिकारियों को इसे लेकर अलर्ट रहने को कहा है.
इस पत्र ने डीएम ने पुलिस अधिकारियों को कहा है कि जाली नोटों के रैकेट का मास्टरमाइंड जामिल मुखिया भारत में महामारी फैलाने की योजना बना रहा है. वह नेपाल से बिहार के रास्ते भारत में कोरोना संक्रमितों को प्रवेश दिलाने की लगातार कोशिश कर रहा है. इसे लेकर सावधान रहने की जरूरत है.
इस मामले में जब दिप्रिंट ने खोजबीन की तो पता चला कि गृह मंत्रालय के सहस्त्र सीमा बल के पश्चिमी चंपारण स्थित कार्यालय ने भी 3 अप्रैल को पश्चिमी चंपारण के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखा था जिसमें यह साफ-साफ लिखा गया है कि कोरोना पोजिटिव भारतीय मुस्लिम नेपाल के रास्ते भारत में घुसने की जुगत में है.
भारत सरकार के सहस्त्र सीमा बल द्वारा जारी खत की दाहिनी तरफ साफ-साफ कॉन्फीडेंशियल और अरजेंट लिखा है. इसमें सरकार ने पश्चिमी चंपारण के अधिकारियों और पुलिस वालों को एलर्ट रहने को कहा है और लिखा है, पुष्ट सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक जामिल मुखिया जो नेपाल के जिला परसा, गांव-जगन्नाथपुर का रहने वाला है वह भारत में महामारी फैलाने की योजना बना रहा है. वह हथियार और एफआईसीएन की स्मलिंग भी नेपाल से भारत में करता है. वह इस लॉकडाउन के दौरान भारतीय मुसलमानों को हथियार बना कर देश में महामारी फैलाने की जुगत में लगा है.
पत्र में सूत्रों का हवाला देते हुए यह भी लिखा गया है कि 200 भारतीय मुसलमान जो अन्य मुस्लिम देशों में काम करते हैं, उनके साथ पांच छह पाकिस्तानी नागरिक भी नेपाल पहुंच चुके हैं. काठमांडू के रास्ते ये सभी नेपाल के चंद्रबरसा और खैरवा गांव के मदरसे और मस्जिद में ठहरे हुए हैं. तीन तारीख के इस पत्र में यह भी लिखा गया है कि 40 से 50 भारतीय मुस्लिम आज आ गए हैं जबकि कुछ दिनों में कुछ और प्रवेश करेंगे ये सभी बुखार को कम करने के लिए पारासिटामोल दवा का प्रयोग कर रहे हैं.
बिहार सरकार ने कहा-प्रशासन अलर्ट है
बिहार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बताया,’ नेपाल के रास्ते जो बिहार में घुसने की फिराक में हैं उन्हें हम किसी भी कीमत पर सीमा में प्रवेश नहीं करने देंगे. हम सतर्क हैं और सीमाएं सील कर दी गई हैं हर बिंदु की जांच हो रही है और प्रशासन अलर्ट है.’
वहीं इस मामले में बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि यह मामला चार दिन पहले का है. जिला प्रशासन को अलर्ट रहने को बोला गया है. कोरोना संक्रमित लोगों की भी सूचना भी दे दी गई है लेकिन इस मामले की अभी तक पुष्टी नहीं हो पाई है. पांडेय ने आगे कहा कि बिहार में सबसे बड़ी चिंता सीवान में एक ही परिवार से 23 लोगों का मिलना है, वहीं वहां अब तक 30 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं.
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज़ के तबलीगी जमात के कार्यक्रम के बाद से देशभर में कोरोनासंक्रमण के मामले में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. इस पूरे कार्यक्रम को कुछ लोग भारतीय मुसलमानों द्वारा महामारी को देश में फैलाए जाने की साजिश के तौर पर देख रहे हैं. अब बिहार सरकार की इस चेतावनी के बाद कोरोनावायरस को हथियार के रुप में जनता में फैलाने की साजिश के खतरे की आशंका को दम मिला है.
बता दें कि बिहार में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 60 हो चुकी हैं. राज्य में गुरुवार को कोरना पॉजिटिव के 19 नए केस सामने आए. जिसमें अकेले सीवान जिले के 30 कोरोना पॉजिटिव मरीज शामिल है. जिसमें अकेले एक परिवार से 23 लोग कोरोना पॉजिटिव होने से इसे कोरोना हॉटस्पॉट कहा जा रहा है.वहीं, बेगूसराय के दो पुरुषों में भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है जिसके बाद पटना बेगूसराय बॉर्ड को सील कर दिया गया है.