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रविवार, 1 जून, 2025
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फवाद खान, वाणी कपूर ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की

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नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) पाकिस्तानी फिल्म कलाकार फवाद खान और अभिनेत्री वाणी कपूर की आगामी फिल्म ‘अबीर गुलाल’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग लगातार बढ़ने के बीच दोनों अदाकारों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है और कहा है कि वे इस घटना से बेहद दुखी और स्तब्ध हैं।

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

इसे 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकवादी हमला बताया जा रहा है। लगभग नौ साल बाद ‘अबीर गुलाल’ से हिंदी फिल्म में वापसी करने वाले फवाद ने बुधवार रात को ‘इंस्टाग्राम स्टोरी’ में हमले पर अपनी पीड़ा साझा की।

‘जिंदगी गुलजार है’ के अभिनेता ने लिखा, ‘‘पहलगाम में हुए जघन्य हमले की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं इस भयावह घटना में मारे गए लोगों के साथ हैं और हम प्रार्थना करते हैं कि इस मुश्किल समय में उनके परिवारों को इस दुख को सहन करने तथा इससे उबरने की ताकत मिले।’’

फिल्म में उनकी सह-अभिनेत्री वाणी ने भी अपने ‘इंस्टाग्राम स्टोरीज’ पर एक पोस्ट साझा किया। वाणी की अगली फिल्म ‘रेड 2’ है।

उन्होंने लिखा, ‘‘जब से मैंने पहलगाम में बेकसूर लोगों पर हमले की खबर देखी है, तब से मैं स्तब्ध हूं। मेरे पास बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। बहुत बहुत दुखी हूं। मेरी प्रार्थनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं।’’

उनकी प्रतिक्रियाएं फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्ल्यूआईसीई) द्वारा बुधवार को अपने निर्देश को दोहराने के तुरंत बाद आई हैं, जिसमें भारतीय फिल्म और मनोरंजन उद्योग के सभी पाकिस्तानी कलाकारों, गायकों और तकनीशियनों के साथ पूर्ण असहयोग का आह्वान किया गया है।

एफडब्ल्यूआईसीई ने कहा, ‘‘हमें निर्देश जारी होने के बावजूद हिंदी फिल्म ‘अबीर गुलाल’ में पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान के काम करने के बारे में पता चला है।’’

एफडब्ल्यूआईसीई ने एक बयान में कहा, ‘‘पहलगाम में हाल में हुए हमले के मद्देनजर एफडब्ल्यूआईसीई एक बार फिर किसी भी भारतीय फिल्म या मनोरंजन परियोजनाओं में भाग लेने वाले सभी पाकिस्तानी कलाकारों, गायकों और तकनीशियनों का पूर्ण बहिष्कार करने के लिए बाध्य है। इसमें दुनिया में कहीं भी होने वाले प्रदर्शन या सहयोग शामिल हैं।’’

संगठन ने फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद निर्देश जारी किया था, जिसमें 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों की जान चली गई थी।

‘अबीर गुलाल’ के निर्माताओं ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि फिल्म नौ मई को रिलीज होगी।

पांच लाख से अधिक सदस्यों वाले मनोरंजन उद्योग के 32 विभिन्न कारीगरों और तकनीशियन संगठनों की मूल संस्था एफडब्ल्यूआईसीई ने चेतावनी दी है कि वह पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करने वाले अन्य पाकिस्तानी सितारों में मावरा होकेन, हानिया आमिर और फरहान सईद शामिल हैं।

साल 2016 में आई ‘सनम तेरी कसम’ से हिंदी फिल्मों में अपनी शुरुआत करने वाली होकेन ने अपनी ‘इंस्टाग्राम स्टोरीज’ में कहा कि किसी एक के खिलाफ आतंकवाद का कृत्य सभी के खिलाफ आतंकवाद है।

उन्होंने लिखा, ‘‘प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना… दुनिया में क्या हो रहा है।’’

पाकिस्तानी ड्रामा ‘मेरे हमसफर’ और ‘कभी मैं कभी तुम’ के लिए भारतीय प्रशंसकों के बीच लोकप्रिय आमिर ने कहा कि कहीं भी त्रासदी हम सभी के लिए त्रासदी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हाल में हुई घटनाओं से प्रभावित मासूम लोगों के साथ मेरी संवेदना है। दर्द में, दुख में और उम्मीद में – हम एक हैं। जब मासूम लोगों की जान जाती है, तो दर्द सिर्फ उनका नहीं होता – यह हम सभी का होता है। चाहे हम कहीं से भी हों, दुख की एक ही भाषा होती है। हमें हमेशा मानवता को चुनना चाहिए।’’

‘मेरे हमसफर’ के उनके सह-कलाकार सईद ने ‘इंस्टाग्राम स्टोरीज’ पर पोस्ट किया, ‘‘पहलगाम पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना।’’ इस महीने की शुरुआत में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भारत में ‘अबीर गुलाल’ की रिलीज़ का कड़ा विरोध किया था।

वर्ष 2016 के उरी आतंकी हमले के बाद किसी भी पाकिस्तानी कलाकार ने भारतीय फ़िल्म उद्योग में काम नहीं किया है।

फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज से एक महीने पहले आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के उरी में भारतीय सैन्य अड्डे पर हमला किया था। फिल्म में फवाद ने अभिनय किया था और इससे पहले वह पाकिस्तानी धारावाहिकों ‘जिंदगी गुलजार है’ और ‘हमसफर’ की बदौलत भारत में बड़ी संख्या में प्रशंसक बना चुके थे।

पाकिस्तानी कलाकार इससे पहले दो हिंदी फिल्मों में काम कर चुके थे। उनकी पहली हिंदी फिल्म ‘खूबसूरत’ (2014) और फिर ‘कपूर एंड संस’ (2016) आई थी।

उरी आतंकी हमले के बाद करण जौहर द्वारा निर्देशित फिल्म में फवाद के शामिल होने के कारण ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज अधर में लटक गई थी। इस विवाद के बाद जौहर ने माफी मांगी और भविष्य में पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम नहीं करने का वादा किया।

इसी तरह, शाहरुख खान की ‘रईस’ भी पाकिस्तानी कलाकार माहिरा खान के साथ काम करने के कारण मुश्किल में पड़ गई, जिन्होंने 2017 की फिल्म से हिंदी फिल्म में अपनी शुरुआत की थी।

हाल में ‘हमसफर’ के सह-कलाकार फवाद और माहिरा भारतीय बड़े पर्दे पर एक साथ नजर आने वाले थे क्योंकि उनकी 2022 की पाकिस्तानी ब्लॉकबस्टर ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ पिछले साल अक्टूबर में पंजाब के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी, हालांकि बाद में उसे रोक दिया गया।

फिल्म का वितरण अधिकार रखने वाले कराची निवासी नदीम मांडवीवाला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि भारत के एक मंत्रालय ने इसकी रिलीज के खिलाफ एक अदालत से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया है।

भारत में रिलीज होने वाली आखिरी पाकिस्तानी फिल्म 2011 में आई ‘बोल’ थी, जिसमें हुमैमा मलिक और आतिफ असलम ने अभिनय किया था।

भाषा सुरभि वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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