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Monday, 23 December, 2024
होमदेशकृषि सुधारों का किसानों को लाभ मिलेगा, सरकार किसानों के हित की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध: मोदी

कृषि सुधारों का किसानों को लाभ मिलेगा, सरकार किसानों के हित की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध: मोदी

मोदी ने यह बात ऐसे समय कही है जब किसान संगठन तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं और सरकार से इन कानूनों को वापस लिये जाने की मांग कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को स्पष्ट संदेश देते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कृषि क्षेत्र में किये गये सुधारों से उन्हें नये बाजार उपलब्ध होंगे और उनकी आय बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि नये कृषि कानूनों के जरिये कृषि क्षेत्र में बाधाओं को हटाने का काम किया गया है. इससे क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी आयेगी और निवेश बढ़ेगा.

प्रधानमंत्री ने देश के प्रमुख उद्योग मंडल फिक्की की 93वीं सालाना आम बैठक का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उद्घाटन करते हुये यह बात कही. उन्होंने उद्योगपतियों को कृषि क्षेत्र में निवेश करने की अपील करते हुये कहा कि इस कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र की ओर से जितना निवेश होना चाहिये था वही नहीं हुआ है.

उन्होंने कहा कि विभिन्न फसल और फल-सब्जियों को उगाने वाले कसानों को आधुनिक तकनीक का जितना समर्थन मिलेगा उतनी ही उनकी आय बढ़ेगी.

मोदी ने यह बात ऐसे समय कही है जब किसान संगठन तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं और सरकार से इन कानूनों को वापस लिये जाने की मांग कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में किये गये सुधारों से इस क्षेत्र में खड़ी दीवारों को हटाने का काम किया गया है. उन्होंने कहा, ‘कृषि क्षेत्र में जरूरी ढांचागत सुविधायें हों, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र हो, बेहतर भंडारण सुविधाओं की बात हो इन सब के बीच दीवारें थीं उन्हें हटाया जा रहा है. बाधाएं हटने से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिये नये बाजार मिलेंगे, आधुनिक कोल्ड स्टोरेज उपलब्ध होंगे, निवेश बढ़ेगा और उन्हें इस सब का लाभ मिलेगा.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले वर्षों के दौरान अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बीच खड़ी दीवारों को हटाने के लिये कई कदम उठाये हैं. बैंकों में जनधन खातों के जरिये नई शुरुआत की गई. बैंक खाते, आधार कार्ड और मोबाइल की त्रीनिती को जोड़कर बदलाव लाया गया. इसी के बल पर आज देश में दुनिया का सबसे बड़ा ‘प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी)’ हो रहा है जिससे सरकारी लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में पहुंच रहा है.

मोदी ने देश के उद्योगजगत को आत्मनिर्भर भारत अभियान में बढ़चढ़कर योगदान करने को कहा. उन्होंने कहा कि बिना निजी क्षेत्र के समर्थन के सुधारों को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने उद्योग जगत से गांवों और छोटे शहरों की तरफ रुख करने का आह्वान करते हुये कहा कि 21वीं सदी गांव और छोटे शहरों से ही आगे बढ़ेगी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत का कृषि क्षेत्र पहले से अधिक गतिशील और बेहतर हुआ है. उद्योगों को इसमें निवेश बढ़ाना चाहिये.

किसानों और ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार नीति और नीयत से पूरी तरह किसानों के हित में काम करने के लिये प्रतिबद्ध है.

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2020 को बड़ी उठापटक वाला साल बताया. मोदी ने कोरोनावायरस संक्रमण फैलने को याद करते हुये कहा, ‘जितनी तेजी से हालत बिगड़े उतनी तेजी से सुधर भी रहे हैं. जनवरी-फरवरी में देश अज्ञात दुश्मन से लड़ रहा था. सब कैसे ठीक होगा देश दुनिया का हर मानव इसी चिंता में फंसा था. लेकिन दिसंबर आते आते स्थिति बदली नज़र आ रही है. हमारे पास अब (इसका) जवाब भी है और (आगे के लिए) एक कार्ययोजना भी है.’

विश्वास से भरे प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक सूचकांक हौसला और उत्साह बढ़ाने वाले नज़र आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि संकट के समय देश ने जो सीखा है उसने भविष्य के संकल्पों को और दृढ़ किया है. ‘वैश्विक महामारी के दौरान एक सबक और इतिहास जुड़ा होता है. इसका श्रेय भारत के उद्यमी, युवाओं और किसानों को जाता है.’

उन्होंने कहा, ‘कोरोनावायरस महामारी के दौरान भारत ने अपने लोगों के जीवन को बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. इस दौरान भारत की नीति और निर्णयों से पूरी दुनिया चकित हुई.’

भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति निवेशकों के भरोसे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ‘प्रत्य्रक्ष विदेशी निवेश (एफपीआई), विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) सहित विदेशी निवेशकों का रिकार्ड निवेश भारत में हो रहा है.’

केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान का जिक्र करते हुये मोदी ने कहा कि यह अभियान हर क्षेत्र में कुशलता और क्षमता को बढ़ा रहा है. ‘इसके तहत प्रौद्योगिकी को नई ऊर्जा देने पर बल दिया गया और ‘शून्य खामी और शन्य प्रभाव’ हमारा लक्ष्य होना चाहिये.’

उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में भारत अग्रणी बन सकता है उन क्षेत्रों को और बढ़ावा देने के लिये उत्पादन से जुड़ी योजना शुरू की गई है. प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों को खोले जाने की अपनी सरकार की नीति का जिक्र करते हुये कहा कि ‘जो जितना असुरक्षित होता है वह अपने आस पास के लोगों को अवसर देने से डरता है. लेकिन जनता के भारी समर्थन से बनी सरकार का अपना ही विश्वास होता है. सरकार जितनी निर्णायक होती है वह दूसरों के लिय उतने अवसर उपलब्ध कराती है.’

उन्होंने कहा, ‘निर्णायक आत्मविश्वास से भरी सरकार यह नहीं चाहती कि सारा नियंत्रण अपने पास ही रखे, पहले की सरकारों ने ऐसा ही किया. घड़ी, टेलीविजन से लेकर डबलरोटी और केक बनाने का काम भी खुद किया. इस सोच ने बड़ी दुर्गति की. लेकिन निर्णायक सरकार दूसरों को आगे बढ़ने के लिये प्रोतसाहित कर रही है.’

भारत हर क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ा रहा है. ‘भारत में कंपनी कर की दरें आज दुनिया में सबसे प्रतिस्पर्धी हैं. भारत देश के उद्यमियों के समार्थ पर भरोसे के साथ आगे बढ़ रहा है. कोई भी क्षेत्र हो अवसरों की कमी नहीं है. ग्रामीण भारत की तस्वीर बदली है. ग्रामीण भारत बड़े बदलाव से गुजरा है.’

फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुये कहा कि देश को माजूदा समय में प्रतिस्पर्धी बने रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढ़ाया गया और जीएसटी जैसे बड़े सुधार किये गये.

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने ‘फिक्की वार्षिक एक्सपो 2020 की भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये आभासी तौर पर शुरुआत की.


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