नई दिल्ली: प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली आए हैं, मांगें माने जाने तक हम आंदोलन जारी रखेंगे. वहीं ऑल इंडिया किसान समन्वय समिति के प्रमुख योगेंद्र यादव ने आंदोलन को लेकर फैलाए गए पांच झूठों का पर्दाफाश किया.
भारतीय किसान यूनियन के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा कि मोदी जी मन की बात करते हैं, जिसमें वह मुंह में राम, बगल में छूरी रखते हैं.
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की प्रेसवार्ता में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, हमारे आंदोलन को दबाने के लिए हमारे खिलाफ 31 मामले दर्ज किए गए हैं.
किसान नेताओं ने कहा, हमारी मांगें पूरी होने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन एक स्टेट का कहा जा रहा है. यह जो भी खेती से जुड़ा है सबका आंदोलन है.
हम जहां डटे हैं, डटे रहेंगे. पीछे हटने का सवाल नहीं हैं. हम आगे की रणनीति पर विचार करेंगे. हम आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.
अखिल भारतयी किसान समन्वय समिति के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा कि 1987 की तरह यह ऐतिसहासिक आंदोलन है. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन ने अब तक पांच झूठों का पर्दाफाश किया है.
पहला झूठ गिनाते हुए योगेंद्र ने कहा कि कहा जा रहा कि तीन कृषि कानूनों का विरोध सिर्फ विचौलिए कर रहे हैं, किसान नहीं हैं, जबकि कोई भी जाकर देख ले ये किसान आए हैं या बिचौलिए, किसान होने का सच आप खुद पता कर लीजिए.
दूसरी बात यह कही जा रही है कि किसानों को सच्चाई पता ही नहीं है. आज पांजाब के और बाकी इालकों में रहने वाले सभी किसानों को सच्चाई पता है. इसे कहना बंद किया जाना चाहिए, वरना या तो आप किसानों को पागल मान लीजिए या मान लीजिए वे सब जानते हैं. इतनी संख्या में आए हैं विरोध करने बिना जानकारी के नहीं आ सकते.
तीसरा पर्दाफाश करते हुए यादव ने कहा कि किसानों का यह आंदोलन सिर्फ पंजाब का नहीं देश के अलग-अलग, कोने कोने का है. किसान मंच के साथ लोग हर जगह से आए हैं. पूरा देश पंजाब के किसानों को सलाम करता हैं. हरियाणा के गांवों में पंचायत हो रही है कि हर घर से एक-एक मेंबर यहां आएगा. हरियाणा के किसानों ने पंजाब के किसानों को 250 लीटर दूध पहुंचाया है. पंजाब इस आंदोलन का अगुआ है. यह लड़ाई पूरे देश की है.
योगेंद्र ने कहा कि चौथा झूठ है कि इस आंदोलन की कोई लीडरशिप नहीं है जो कि गलत है. पंजाब के 30 संगठनों की रोज मीटिंग होती है. बकायदा संगठित होकर लीडर के साथ ये किसान आए हैं. राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त किसान मोर्चा की लीडरशिप में यह आंदोलन चल रहा है. यह अराजक आंदोलन नहीं है.
पांचवा झूठ कि यह किसी एक पार्टी का विरोधी किसान संगठन नहीं है. इन्हीं संगठनों ने पंजाब में सीएम अमरेंद्र सिंह को चैलेंज किया है. बदनाम करने के लिए जो लोग इनके खिलाफ अफवाह फैला रहे हैं वो असल में देशद्रोही काम है. इन्हें देशद्रोही कहना शर्मनाक है, सभी किसानों का यह अपमान है.
आखिर में हम चाहते हैं कि सरकार तीनों बिल वापस ले, इससे हम कोई समझौतान नहीं करेंगे. ये बिल बिना किसानों से बात के लाए गए हैं, ये वापस होने चाहिए.