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Friday, 8 November, 2024
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कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ देशभर में सड़कों पर उतरे किसान, पंजाब, हरियाणा और बिहार में आंदोलन तेज

संसद में हाल ही में पारित कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर में किसान संगठन ने भारत बंद का आह्वान किया है. पंजाब, हरियाणा और बिहार में इसका व्यापक असर को देखने के मिल रहा है.

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नई दिल्ली: संसद में हाल ही में पारित कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर में किसान संगठन ने भारत बंद का आह्वान किया है. इसका सबसे बड़ा असर पंजाब और हरियाणा में देखने के मिल रहा है लेकिन जैसे जैसे दिन चढ़ा बिहार में भी आरजेडी के नेता और सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी सड़क पर उतर गए हैं.

पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसान रेल ट्रैक पर बैठे हुए हैं. रेल रोको आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने शनिवार तक 20 विशेष ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द और पांच को गंतव्य से पहले रोक दिया है. वहीं, हरियाणा में किसानों-आढ़तियों ने राजमार्ग जाम करने की चेतावनी दी है. उधर, यूपी में सपा ने किसान कर्फ्यू और जाम का आह्वान किया है. जबकि बिहार में कृषि बिलों के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने पटना में ट्रैक्टर चलाकर बिलों के खिलाफ अपना विरोध जताया है.

बता दें कि पंजाब में 31 किसान संगठनों ने हाथ मिलाया है . हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत कई संगठनों ने कहा है कि उन्होंने विधेयकों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है.


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‘फंडदाताओं के जरिए अन्नदाताओं को बनाया कठपुतली’

तेजस्वी ने इस दौरान कहा, सरकार ने अपने फंडदाताओं के ​जरिए अन्नदाताओं को कठपु​तली बनाने का काम किया है, ये पूरी तरह किसान विरोधी बिल हैं. इस सरकार ने ऐसा कोई भी सेक्टर छोड़ने का काम नहीं किया जिसका इन्होंने निजीकरण न किया हो. MSP का कहीं भी विधेयक में जिक्र नहीं है.’

वहीं बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा, ‘कांग्रेस सहित विपक्ष के लोगों ने आज़ादी के बाद किसानों को ठगने का काम किया और PM जो कृषि विधेयक लाए हैं ये किसानों के हित में हैं. कांग्रेस ने घोषणा पत्र में ऐलान किया था कि APMC एक्ट को हटाएंगे और जब हम हटा रहे हैं तो उसका बेवजह विरोध कर रहे हैं.’

बता दें कि इस दौरान किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, ‘सरकार के हमसे बातचीत न करने, इस आंदोलन को महत्व न देने से लगता है कि आंदोलन लंबा चलेगा.’

किसान आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली यूपी बॉर्डर पर भी दिल्ली पुलिस ने चाक चौबंद तैयारी की है.


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पंजाब में रेल रोको अभियान

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रदर्शन के दौरान किसानों से कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और कोरोनावायरस से जुड़े सभी नियमों का पालन करने की अपील की है . एक बयान में सिंह ने कहा कि राज्य सरकार विधेयकों के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह किसानों के साथ है और धारा 144 के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी .

मुख्यमंत्री ने कहा कि हड़ताल के दौरान कानून-व्यवस्था की दिक्कतें पैदा नहीं करनी चाहिए. उन्होंने किसानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि नागरिकों को किसी तरह की दिक्कतें नहीं हो और आंदोलन के दौरान जान-माल को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होना चाहिए .

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) महासचिव सुखबीर सिंह ने हड़ताल के समर्थन में वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, दुकानदारों से अपनी दुकानों बंद रखने की अपील की है .

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी लोगों से किसानों का समर्थन करने और हड़ताल को सफल बनाने का अनुरोध किया है . मुख्य विपक्षी आम आदमी पार्टी पहले ही अपना समर्थन दे चुकी है जबकि शिरोमणि अकाली दल ने सड़क बंद करने की घोषणा की है .

विधेयकों के खिलाफ किसानों ने पंजाब में कई स्थानों पर बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन शुरू किया और पटरियों पर धरना दिया. किसान संगठनों ने एक अक्टूबर से अनिश्चितकालीन रेल रोको प्रदर्शन भी शुरू करने का फैसला किया है .

प्रदर्शनकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि केंद्र के कृषि सुधारों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा. किसानों ने कहा है कि तीनों विधेयक वापस लिए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.

वहीं शुक्रवार सुबह पंजाब के जालंधर और लुधियाना हाईवे पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.  शुक्रवार को दिल्ली अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग को जालंधर के पास अवरुद्ध किया गया. इस प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन और रेवोल्यूशनरी मार्क्सिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के किसान मौजूद थे.

हरियाणा भाकियू के प्रमुख गुरनाम सिंह ने कहा कि उनके संगठन के अलावा कुछ अन्य किसान संगठनों ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को अपना समर्थन दिया है.

सिंह ने कहा, ‘हमने अपील की है कि राज्य के राजमार्गों पर धरना होना चाहिए और अन्य सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध होना चाहिए. राष्ट्रीय राजमार्गों पर धरना नहीं देना चाहिए .’ सिंह ने कहा कि हड़ताल के दौरान सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक किसी भी प्रकार के गैरकानूनी काम में संलिप्त नहीं होना चाहिए . भाकियू नेता ने कहा कि कमीशन एजेंट, दुकानदारों और ट्रांसपोर्टरों से भी हड़ताल का समर्थन करने का अनुरोध किया गया है .

दक्षिण भारत में भी किसान आंदोलन का असर देखने को मिला. कर्नाटक राज्य किसान एसोसिएशन के सदस्यो ने कर्नाटक तमिलनाडु राजमार्ग पर प्रदर्शन किया. कोविड और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं.


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