नई दिल्ली: किसान नेताओं ने सोमवार को कहा कि आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाओं की अनुमति होगी. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि हाल ही में लागू खेती से जुड़े कानूनों के खिलाफ बंद के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाए.
भारत बंद हमारा शांतिपूर्ण आह्वान है, सबसे अपील है कि इसे ज़ोर-ज़बरदस्ती से न करें। राजनीतिक दलों ने जो हमारा समर्थन किया है उसके लिए उनका धन्यवाद, उनसे अपील है कि जब किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए आएं तो अपना झंडा घर छोड़कर आएं: सिंघु बॉर्डर से किसान नेता डॉ. दर्शन पाल pic.twitter.com/claOH7INGe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 7, 2020
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार को नये कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांगों को स्वीकार करना होगा.
आंदोलनकारी किसानों ने ऐलान किया है कि ‘भारत बंद’ के दौरान सुबह 11 बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच वे टोल प्लाजाओं को बंद कर देंगे.
भारतीय किसान एकता संगठन के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाला ने किसानों से शांति बनाकर रखने और बंद लागू करने के लिए किसी से नहीं झगड़ने की अपील की.
राजेवाल ने कहा, ‘मोदी सरकार को हमारी मांगों को स्वीकार करना होगा. हम नये कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी चीज में नहीं मानेंगे.’
कृषि कानूनों में संशोधन की केंद्र की पेशकश का उल्लेख करते हुए एक अन्य किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि सरकार कानूनों में बदलाव करने के लिये क्यों राजी हो रही है, जबकि शुरुआत में उसने दावा किया था कि यह किसानों के लिये फायदेमंद होगा.
दर्शन पाल ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सरकार पुराने कृषि कानूनों को फिर से बहाल करे, भले ही वह सोचती है कि यह किसानों के लिये फायदेमंद नहीं है.’
दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसान पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान हैं. सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल सका है.