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Thursday, 30 October, 2025
होमदेश'पार्कों में लव जिहाद के लिए क्लास छोड़ रहे छात्र': फरीदाबाद शिक्षा विभाग का स्कूलों को पत्र

‘पार्कों में लव जिहाद के लिए क्लास छोड़ रहे छात्र’: फरीदाबाद शिक्षा विभाग का स्कूलों को पत्र

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अब पत्र वापस ले लिया गया है, यह पत्र सीएम विंडो पोर्टल पर की गई शिकायत के जवाब में था.

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गुरुग्राम: फरीदाबाद की जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने गुरुवार को एक विवादित पत्र को “रद्द” कर दिया, जिसमें स्कूलों को यह चेतावनी दी गई थी कि कुछ छात्र कथित रूप से कक्षाएं छोड़कर “असामाजिक गतिविधियों” और “लव जिहाद” में शामिल हो रहे हैं.

बुधवार को जारी यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया था. इसमें सभी सरकारी और निजी स्कूलों को निर्देश दिया गया था कि वे अभिभावकों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं ताकि रोज़ की हाजिरी पर नजर रखी जा सके. साथ ही चेतावनी दी गई थी कि अगर ऐसे मामले सामने आए तो स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

डीईओ अंशु गर्ग ने गुरुवार को दिप्रिंट को बताया कि यह पत्र मुख्यमंत्री विंडो पोर्टल पर आई एक शिकायत के बाद जारी किया गया था.

उन्होंने कहा, “सीएम विंडो पर एक शिकायत मिली थी जिसमें कहा गया था कि फरीदाबाद के कई स्कूलों के छात्र स्कूल समय के दौरान बाहर जा रहे हैं और अलग-अलग पार्कों में असामाजिक गतिविधियों और लव जिहाद में शामिल हो रहे हैं. सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट भेजने के लिए यह पत्र जारी किया गया था.”

लेकिन डीईओ ने यह भी कहा कि उन्होंने 30 अक्टूबर को एक और पत्र जारी कर पहले वाले पत्र को रद्द कर दिया क्योंकि “शिक्षा विभाग को ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली थी.”

बुधवार के पत्र का शीर्षक था कि छात्र “विभिन्न पार्कों में असामाजिक गतिविधियों और लव जिहाद में शामिल होकर सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ रहे हैं और वातावरण को दूषित कर रहे हैं.” इसमें स्कूलों के लिए सख्त निगरानी के निर्देश दिए गए थे.

पत्र में कहा गया था कि विभाग को कई रिपोर्ट मिली हैं कि स्कूल के बच्चे कक्षाएं छोड़कर स्थानीय पार्कों में इकट्ठा हो रहे हैं और ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं जो “सार्वजनिक व्यवस्था और शिक्षा के माहौल को बिगाड़ती हैं.”

पत्र में स्कूलों को निर्देश दिया गया था कि सत्र शुरू होने के 30 मिनट के भीतर उपस्थिति दर्ज करें और अनुपस्थित छात्रों की सूची तुरंत कक्षा-वार अभिभावक व्हाट्सएप ग्रुप में साझा करें ताकि “तुरंत जानकारी” दी जा सके. स्कूलों को यह भी कहा गया था कि वे छात्रों पर कड़ी निगरानी रखें ताकि वे ऐसी गतिविधियों में शामिल न हों.

पत्र में इस कदम को “युवाओं को बाहरी प्रभावों से बचाने की सक्रिय पहल” बताया गया था और चेतावनी दी गई थी कि निर्देशों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसमें कहा गया था कि अगर भविष्य में कोई शिकायत जिला शिक्षा कार्यालय तक पहुंची, तो संबंधित स्कूल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना या प्रशासनिक जांच शामिल हो सकती है.

इस आदेश की शिक्षाविदों ने कड़ी आलोचना की. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर महाबीर जगलान ने इसे “चौंकाने वाला और किसी शिक्षाविद के लिए अनुचित” बताया.

उन्होंने कहा, “छात्रों को अनुशासन में रखना एक बात है, लेकिन इसमें ‘लव जिहाद’ जैसे शब्द कहां से आ गए? ऐसी भाषा सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारी को शोभा नहीं देती.”

जगलान ने आरोप लगाया कि राजनीतिक नेता “लव जिहाद” जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.

उन्होंने कहा, “अब कुछ अधिकारी और नौकरशाह भी अपने राजनीतिक बॉसों का ध्यान खींचने के लिए उनकी भाषा अपनाने लगे हैं.”

सीएम विंडो एक सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणाली है, जिसकी निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय का एक अधिकारी करता है.

‘लव जिहाद’ एक शब्द है जिसका इस्तेमाल कुछ संगठनों और दक्षिणपंथी समूहों द्वारा अंतरधार्मिक रिश्तों के लिए किया जाता है. उनका दावा है कि ये रिश्ते जबरन धर्मांतरण के कारण संभव हुए हैं.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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