चंडीगढ़: हरियाणा के फरीदाबाद शहर के मथुरा रोड पर स्थित एक अत्याधुनिक मैरेज हॉल है, जिसमें एक बार में 600 मेहमान आ सकते हैं. लोटस मेपल गार्डन, सड़क पर इस तरह का एक और स्थान है, जिसमें 1,500 मेहमानों की मेजबानी करने की क्षमता है.
कांग्रेस विधायक बी बी बत्रा द्वारा एक प्रश्न का जबाव देते हुए हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में कहा कि हरियाणा में राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों के किनारे ग्रीन बेल्ट के भीतर ऐसे कई स्थानों पर ऑटोमोबाइल शोरूम, शराब की दुकानों, टोल प्लाजा और अन्य भवनों का निर्माण किया गया है.
यहां तक कि मुरथल में राजमार्गों के किनारे बने ढाबे भी नियमों के उल्लंघन के दोषी हैं. अमरीक सुखदेव ढाबा, मन्नत हवेली ढाबा, नीलकंठ ढाबा, 70-मीलस्टोन, गरम धर्म ढाबा, पार्क ब्लू ढाबा, पहलवान ढाबा, गुलशन ढाबा, मन्नत ढाबा, आहूजा ढाबा, जमीदारा ढाबा, झिलमिल ढाबा, मन्नत दी रसोई, हरि ढाबा, मदन ढाबा , महादेव ढाबा, अतुल वैष्णो ढाबा, बजरंगी ढाबा, पटियाला ढाबा उन भोजनालयों में से हैं जो ग्रीन बेल्ट के अंतर्गत आते हैं.
सरकार के अनुसार, आवासीय और वाणिज्यिक दोनों तरह के 1,500 से अधिक अनधिकृत निर्माणों का पता लगाया गया है और इसमें से कई को पहले ही ध्वस्त कर दिया गया है. इनमें से कई अनधिकृत संरचनाएं राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के साथ ही ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में माने जाते हैं.
ग्रीन बेल्ट में निर्माण की अनुमति नहीं होती है और ऐसे स्थानों को आवासीय या व्यावसायिक क्षेत्र में नहीं बदला जा सकता है.
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अपनी प्रतिक्रिया में, सरकार ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी, फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी और पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर) जैसे विभागों द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण भी दिया.
सरकार द्वारा दिए गए पीडब्ल्यूडी के एक विवरण के मुताबिक अनुबंध ‘ए’ में 813 भवनों पर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा प्रदान की गई रिपोर्ट शामिल है, अनुबंध ‘बी’ में गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा प्रस्तुत 57 भवनों का विवरण है. इसी तरह, अनुबंध ‘सी’ में फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा 17 भवनों की एक रिपोर्ट शामिल है, अनुबंध ‘डी’ में नगर निकायों द्वारा पहचाने गए 790 भवनों की सूची है और अनुबंध ‘ई’ में 104 भवनों का उल्लेख है.
फरीदाबाद के अधिकांश मैरेज हॉल के मामले में, पीडब्ल्यूडी द्वारा दिए गए अनुबंध से पता चलता है कि पिछले साल 3 जून को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे, और बहाली के आदेश 17 जून को जारी किए गए थे. उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई. बहाली के आदेश के बावजूद 20 जून को इसमें से छह को ध्वस्त कर दिया गया था.
अगर बात करनाल की करें तो अधिकारियों ने न तो नोटिस जारी किया है और न ही कोई तोड़फोड़ की है. विधानसभा में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधित्व वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में भी कोई प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई.
अनुबंध के एक कॉलम में कहा गया, ‘नगर निगम करनाल के भीतर आने वाले 17.884 किलोमीटर NH-44 के पूर्ण खंड का 2019-2020 में नगर निगम द्वारा एक सर्वेक्षण किया गया था. सर्वेक्षण के अनुसार, 38 खुले भूखंडों सहित 226 निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग के पूर्वी हिस्से में मौजूद थे और 59 खुले भूखंडों सहित 319 संरचनाएं राष्ट्रीय राजमार्ग के पश्चिमी किनारे पर मौजूद थीं.’
कोविड महामारी के दौरान प्रवर्तन कार्य को रोक दिया गया था, लेकिन समय-समय पर नियमित आधार पर तोड़-फोड़ अभियान चलाया जाता है.
जहां तक मुरथल के ढाबों की बात है, इसमें उन पर की गई किसी भी कार्रवाई का उल्लेख नहीं है. लेकिन इसमें उल्लेख है कि 2015 में नगर निगम, सोनीपत की स्थापना से पहले ग्रीन बेल्ट पर अतिक्रमण किया गया था.
बत्रा के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने ऐसे अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की है.
खट्टर ने बताया कि सरकार ने ऐसी 1500 से अधिक इमारतों की पहचान की है, अगर इसके बाद भी किसी खास इमारत के बारे में कोई जानकारी सरकार के पास आती है, तो उस पर भी उचित कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी विधायक के पास ऐसी इमारतों के बारे में कोई और जानकारी है तो वह उसे सरकार के साथ साझा करें ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.
दिन की कार्यवाही के बाद दिप्रिंट से बात करते हुए, बत्रा ने दावा किया कि हरियाणा के ग्रीन बेल्ट के भीतर राष्ट्रीय राजमार्गों और निर्धारित सड़कों के पास अनाधिकृत भवन बन रहे हैं. बत्रा ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘यह सब राज्य सरकार की मिलीभगत से हो रहा है. पूरे राज्य में ग्रीन बेल्ट पर अनाधिकृत भवन बनाकर समाप्त किया जा रहा है. जिन अधिकारियों से आसानी से काम करने की अपेक्षा की जाती है वे दूसरी तरफ देखते हैं.’
(संपादनः ऋषभ राज)
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