कोलकाता, 15 फरवरी (भाषा) प्रसिद्ध बांग्ला गायक और गीतकार प्रतुल मुखोपाध्याय का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया। पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मुखोपाध्याय (82) को सामाजिक मुद्दों पर आधारित उनके गीतों को बगैर किसी वाद्ययंत्र के गाने के लिए जाना जाता था।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गायक के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कुछ दिन पहले ही एसएसकेएम अस्पताल जाकर मुखोपाध्याय से मुलाकात की थी।
उन्होंने गायक के परिवार और असंख्य प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुखोपाध्याय के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “हम महान बांग्ला गायक-गीतकार प्रतुल मुखोपाध्याय के निधन से दुखी हैं, जो ‘आमी बांग्ला गण गाई’ और ‘डिंगा भाषाओ सागोर’ जैसे अपने प्रतिष्ठित गीतों के लिए जाने जाते थे।”
राज्यपाल ने कहा, “बांग्ला संगीत में उनका (मुखोपाध्याय) गहरा योगदान हमेशा हमारे दिलों में गूंजता रहेगा। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
सूचना एवं संस्कृति मामलों के विभाग ने एक बयान में कहा कि उनके (मुखोपाध्याय के) पार्थिव शरीर को अंतिम श्रद्धांजलि के लिए राज्य द्वारा संचालित सांस्कृतिक परिसर रवींद्र सदन में रखा जाएगा।
मुखोपाध्याय ने मृत्यु के बाद चिकित्सा प्रयोजन के लिए अपना शरीर दान करने का संकल्प लिया था, इसलिए उनके पार्थिव शरीर को रवींद्र सदन से एसएसके एम अस्पताल के एनाटॉमी विभाग में ले जाया जाएगा।
प्रसिद्ध ‘अमी बांग्ला गण गाई’ और ‘डिंगा भाषाओ सागोर’ के लेखक एवं गायक मुखोपाध्याय अग्नाशय संबंधी बीमारियों और वृद्धावस्था से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त थे। उनका उपचार सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में किया जा रहा था।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘सर्जरी के बाद उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था और आज (शनिवार) सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।’’
उनके परिवार में उनकी पत्नी हैं।
भाषा जितेंद्र रंजन
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