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Thursday, 21 November, 2024
होमदेश‘फर्ज़ी पहचान, CMO अधिकारी, अमित शाह का भतीजा’ — कैसे गुजरात के एक ठग ने मॉडल और विधायकों को ठगा

‘फर्ज़ी पहचान, CMO अधिकारी, अमित शाह का भतीजा’ — कैसे गुजरात के एक ठग ने मॉडल और विधायकों को ठगा

विराज अश्विन पटेल ने कथित तौर पर कुछ नामों को छोड़ दिया और मॉडल को नौकरी देने का वादा किया, यहां तक कि एक से शादी का वादा भी किया. फिलहाल वो न्यायिक हिरासत में है और बलात्कार के आरोप का सामना कर रहा है. क्राइम ब्रांच मामले की जांच करेगी.

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वड़ोदरा: विराज अश्विन पटेल को 27 अप्रैल को एक मूवी थियेटर में देर रात के विवाद में कथित रूप से शामिल होने के लिए वड़ोदरा के गोत्री पुलिस थाने लाए जाने से कुछ घंटे पहले, वे किसी अनजान महिला के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के लिए एक “महिला मित्र” के साथ उसी थाने में गया था.

उस समय पटेल ने कथित तौर पर खुद को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) के अध्यक्ष विराज शाह के रूप में पेश किया था, जो गांधीनगर में एक व्यापार केंद्र है और यहां तक कि गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में काम करने का दावा भी किया था. वडोदरा पुलिस के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि उसने इस बारे में भी पूछताछ की थी कि थाने में प्रभारी अधिकारी कौन था.

वड़ोदरा पुलिस के सूत्रों के अनुसार, उन्हें उस समय 30-वर्षीय व्यक्ति पर संदेह करने का कोई कारण नहीं मिला था—जो वर्तमान में वड़ोदरा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में बंद है. देर रात, जब उसे यहां लाया गया तब जाकर उसकी कहानी में खामियां नज़र आने लगीं.

जांच से जुड़े पुलिस के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “पैन और आधार सहित उसके पहचान पत्र फर्जी थे. उसके पैन कार्ड में उसका नाम विराज शाह था और आधार कार्ड में उसकी पहचान (केवल) विराज के रूप में की गई थी.”

हालांकि, ये तो खुलासे की बस शुरुआत थी.

अगले दिन वे महिला जो पहले उसके साथ पुलिस थाने गई थी और कथित रूप से मूवी थियेटर विवाद के समय भी उसके साथ थी, ने पटेल पर कई बार 8 अप्रैल से “शादी के बहाने” और (महिला को) गिफ्ट सिटी का “ब्रांड एंबेसडर” बनाने के बहाने बलात्कार करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई.

सूत्रों ने बताया कि पुलिस द्वारा की गई जांच से न केवल उसकी असली पहचान उजागर करने में मदद मिली, बल्कि उसके खिलाफ पिछले मामलों का भी पता चला.

आरोपी को लोगों को “धोखा” देने के लिए वर्षों से विभिन्न राज्यों में गिरफ्तार किया गया था और कथित तौर पर जमानत पर रिहा होने के बाद उसने वही अपराध दोहराए थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिफ्ट सिटी के अध्यक्ष और गुजरात के सीएमओ अधिकारी की नकली पहचान कथित तौर पर उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए अपमानजनक नहीं थे—उसने पहले भी कुछ लोगों को बरगलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भतीजा होने का दावा किया था.

पुलिस सूत्रों ने कहा, पिछले महीने महिला की शिकायत के बाद, उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी और संपत्ति की डिलीवरी को प्रेरित करना) और 376 (2) एन (बलात्कार) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

सूत्रों ने बताया कि पटेल और शिकायतकर्ता दोनों की मेडिकल जांच हुई है.

पुलिस ने पटेल पर आईपीसी की धारा 170 (एक लोक सेवक का प्रतिरूपण), 417 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जाली दस्तावेज), और 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग करना) के तहत भी मामला दर्ज किया है. दिप्रिंट के पास इस एफआईआर की एक प्रति मौजूद है.

पटेल अब वड़ोदरा पुलिस की अपराध शाखा द्वारा दोनों एफआईआर की जांच का इंतजार कर रहा है. मामले पर टिप्पणी के लिए दिप्रिंट ने क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी से फोन पर संपर्क किया, लेकिन रिपोर्ट के छापे जाने तक उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई.

मुंबई निवासी 39-वर्षीय शिकायतकर्ता से भी दिप्रिंट ने फोन पर संपर्क की कोशिश की, लेकिन जवाब नहीं आया. दिप्रिंट ने टिप्पणी के लिए पटेल के वकील भाविन कुमार एन. पटेल से भी फोन पर संपर्क किया, लेकिन रिपोर्ट के छापे जाने तक उनसे भी संपर्क नहीं हो पाया. जवाब आने के बाद इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.

इस बीच, यूपी पुलिस के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को पटेल की पहले की कथित साजिशों में से एक के बारे में बताया. उत्तर प्रदेश की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रोहन प्रमोद बोत्रे ने फोन पर कहा, “वडोदरा पुलिस द्वारा एक सीएमओ अधिकारी होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया व्यक्ति वही व्यक्ति है जिसे हमने 2020 में आगरा में गिरफ्तार किया था.”

बोत्रे उस समय आगरा एसपी के पद पर कार्यरत थे.


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गोवा-मुंबई-वडोदरा

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गांधीनगर के सरगासन गांव के रहने वाला पटेल अपने परिवार से अलग रहता है. विदेश में रहने वाले परिवार के साथ पटेल की अपनी पैतृक संपत्ति तक पहुंच कथित रूप से काम आई, जिसने गिफ्ट सिटी का एंबेसडर बनाने का वादा करके मॉडलों को लुभाया था.

पुलिस सूत्रों ने दिप्रिंट को आगे बताया कि मुंबई की 39-वर्षीय मॉडल द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, उन्हें अप्रैल के पहले सप्ताह में एक मॉडलिंग एजेंसी से कॉल आया, जिसमें उन्हें गिफ्ट सिटी के ब्रांड एंबेसडर के रूप में चुने जाने की सूचना दी गई थी. उन्हें यह भी बताया गया कि शूटिंग जल्द ही गुजरात और दुबई में होगी.

एजेंसी ने कथित तौर पर उन्हें फोन पर पटेल से जोड़ा, जिसने कथित तौर पर खुद को विराज शाह के रूप में पेश किया.

कुछ दिनों के भीतर, पटेल ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता को 9 अप्रैल को गोवा की यात्रा पर आमंत्रित किया. महिला की एफआईआर के अनुसार, उसने नौकरी के अलावा मुंबई के ओशिवारा में एक फ्लैट दिया और 50 हज़ार रुपये की सैलरी का वादा किया था.

महिला की एफआईआर को पुलिस सूत्रों ने दिप्रिंट के साथ साझा किया है. इसमें कहा गया है कि गोवा में दोनों कैंडोलिम में ले सीज़न रिज़ॉर्ट में रुके थे और इस यात्रा के दौरान उसने कथित तौर पर उसके बेटे की देखभाल करने का वादा करते हुए उससे शादी का प्रस्ताव रखा था.

महिला ने आरोप लगाया है कि गोवा में रहते हुए पटेल ने उनके बैंक खाते से 35 लाख रुपये निकाल लिए, लेकिन उस समय उन्होंने कुछ नहीं कहा, क्योंकि उन्हें लगा कि वो जल्द ही शादी करने वाले हैं.

उसने कथित तौर पर महिला से ये भी कहा कि उसके माता-पिता जल्द ही अमेरिका से आएंगे.

उक्त पुलिस सूत्र ने कहा, “उसने उसे कुछ गहनों की एक तस्वीर दिखाई और इसे अपने परिवार द्वारा उनके लिए भेजा गया शगुन बताया. कुछ दिनों बाद, उसने कहा कि उसका परिवार रिश्ते के खिलाफ था और इसलिए वो शादी नहीं कर पाएगा.”

पटेल और महिला कुछ दिनों के बाद मुंबई लौट आए, जहां वह कथित तौर पर उसके परिवार के साथ रहा और परिवार के विरोध के बावजूद उससे शादी करने के वादे पर जोर दिया.

पुलिस सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि एफआईआर के अनुसार, 24 अप्रैल को पटेल उनके साथ वड़ोदरा गया, जाहिर तौर पर क्योंकि गिफ्ट सिटी के साथ उनके काम की कागजी कार्रवाई पूरी हो गई थी और शूटिंग जल्द ही शुरू होने वाली थी.

इस यात्रा के दौरान, दोनों वडोदरा के विवांता होटल में रुके थे, तभी महिला को कथित तौर पर एक अन्य महिला से धमकी भरे फोन आने लगे, जिसने अपनी पहचान उर्वशी सोलंकी के रूप में बताई और दावा किया कि वो शिकायतकर्ता नहीं बल्कि गिफ्ट सिटी एंबेसडर होनी चाहिए.

शिकायतकर्ता ने बताया कि पटेल अगले दिन उनसे मिला और दोनों ने अपनी कलाई पर एक-दूसरे के नाम का टैटू बनवाया.

27 अप्रैल को जब दोबारा धमकी भरी कॉल आई तो दोनों गोत्री थाने में शिकायत दर्ज कराने और सुरक्षा की गुहार लगाने गए. पुलिस सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया, हालांकि, पुलिस ने सुरक्षा देने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने ज़रूरत पड़ने पर मदद का आश्वासन दिया.

महिला ने एफआईआर में दावा किया, बाद में दोनों नीलांबर सर्कल के ट्रायम्फ मॉल में एक फिल्म देखने गए, जहां पटेल की उनके सामने बैठे कुछ लोगों से बहस हो गई.

बहस के दौरान, उसने कथित तौर पर दोहराया कि वे सीएमओ का एक अधिकारी रहा है और उसने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जानने का दावा किया. सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि कथित तौर पर उन्होंने कार्रवाई की मांग करते हुए थिएटर से गोत्री पुलिस थाने में फोन भी किया.

थाने में उससे पूछताछ के दौरान पुलिस को शक हुआ. सूत्रों ने कहा कि उसके दस्तावेज के सत्यापन से उसकी जाली पहचान का पता चला, जिन वरिष्ठ अधिकारियों का उसने पहले उल्लेख किया था, उन्होंने भी पुष्टि की कि वे उसे नहीं जानते हैं.

सूत्र ने कहा, “महिला के साथ रहने के अपने मकसद के बारे में पूछे जाने पर, विराज ने कहा कि वे उसे धोखा देना चाहता था, लेकिन उसे उससे प्यार हो गया और इसीलिए उसने अपनी कलाई पर उसके नाम का टैटू बनवाया था.”


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3 दिन में 4 एफआईआर

इस बीच, वडोदरा पुलिस द्वारा मामले की प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर खुलासा हुआ कि यह पहली बार नहीं है जब पटेल को धोखाधड़ी और भेस बदलने के लिए गिरफ्तार किया गया है. पुलिस सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि मध्य प्रदेश और गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश तक, पटेल ने कथित तौर पर पिछले सात सालों में पहले भी इसी तरह का अपराध किया था.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पिछले साल जुलाई में अहमदाबाद के अलग-अलग थानों में तीन दिनों के भीतर उसके खिलाफ चार एफआईआर दर्ज की गई थीं.

एफआईआर, जिसकी प्रतियां दिप्रिंट को मिली हैं, के अनुसार, पहली एफआईआर 9 जुलाई को अहमदाबाद निवासी यशपाल हरिश्चंद्र सिंह ने दर्ज कराई थी.

सिंह ने आरोप लगाया कि गिफ्ट सिटी का ब्रांड एंबेसडर बनने का मौका देने का वादा करके पटेल ने उनकी बेटी से 50,000 रुपये की ठगी की. पटेल पर आईपीसी की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी, संपत्ति की सुपुर्दगी के लिए प्रेरित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

आईपीसी की धारा 379 (चोरी) के तहत अगली एफआईआर 10 जुलाई को दर्ज की गई, जिसमें पटेल पर एक अन्य शिकायतकर्ता से 1 लाख रुपये चोरी करने का आरोप लगाया गया. इसमें शिकायतकर्ता के नाम का उल्लेख नहीं है, लेकिन आरोप है कि पटेल ने धोखा देने के लिए उसी गिफ्ट सिटी एंबेसडर चाल का इस्तेमाल किया.

इसके बाद 11 जुलाई को एक कैब ड्राइवर जिग्नेश कांजी भाई देसाई ने पटेल के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज कराई, जिन्हें उन्होंने दावा किया था कि पटेल ने उनसे 80,000 रुपये की ठगी की थी, जबकि चौथी एफआईआर भी उसी दिन दर्ज की गई थी, जिसमें शिकायतकर्ता मनमीत कौर ने 70 हज़ार रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. ये दोनों एफआईआर भी आईपीसी की धारा 406 और 420 के तहत दर्ज की गई थीं.

दिप्रिंट ने देसाई और कौर दोनों से फोन पर बात की, देसाई ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कौर ने फोन नहीं उठाया.

फोन पर दिप्रिंट से बात करते हुए, पहले शिकायतकर्ता सिंह ने दावा किया, “जब मैंने उसे (विराज पटेल) को गूगल पर देखा तो मुझे पता चला कि उसने पहले भी ऐसा किया है.” उन्होंने आरोप लगाया कि झूठे वादों के अलावा पटेल ने उनकी बेटी को फर्जी चेक भी दिए.

पुलिस ने कहा कि इन एफआईआर के बाद पटेल 20 दिनों तक जेल में रहा लेकिन बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया.

वड़ोदरा में पुलिस सूत्र इन मामलों की वर्तमान स्थिति पर टिप्पणी करने में असमर्थ थे. दिप्रिंट ने मामलों पर टिप्पणी के लिए अहमदाबाद पुलिस से फोन पर संपर्क किया, लेकिन इस रिपोर्ट के छापे जाने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. जैसे ही पटेल के वकील या पुलिस दिप्रिंट के कॉल का जवाब देगी, कॉपी को अपडेट कर दिया जाएगा.

‘अमित शाह का भतीजा’

2016 और 2020 के बीच, विराज शाह के नाम से पहचाने जाने वाले पटेल ने कथित तौर पर अमित शाह के भतीजे होने का दावा करके कम से कम दो लोगों को ठगा या ठगने का प्रयास किया.

वड़ोदरा में पुलिस सूत्रों ने कहा कि उसे उज्जैन पुलिस ने 6 अगस्त 2016 को तत्कालीन उज्जैन दक्षिण बीजेपी विधायक डॉ मोहन यादव के “सहयोगी” नरेश शर्मा को अमित शाह का भतीजा होने का दावा करके धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जो उस समय बीजेपी अध्यक्ष थे.

पटेल ने कथित तौर पर ‘विराज शाह’ के रूप में मदद के लिए शर्मा से संपर्क किया. सूत्रों ने कहा कि उसने दावा किया कि श्यामगढ़ से मध्य प्रदेश के नागदा जाने वाली ट्रेन यात्रा के दौरान उसका तीन लाख रुपये का सामान चोरी हो गया.

विराज शाह के शहर से फरार होने से पहले शर्मा ने कथित तौर पर उसे 65,000 रुपये और एक नया स्मार्टफोन दिया था. शर्मा की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को ट्रेस कर पेटलावद के पास से पकड़ लिया. वडोदरा पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, जमानत पर रिहा होने से पहले पटेल कुछ समय के लिए जेल में रहा.

गुजरात पुलिस के सूत्रों ने कहा कि उस समय उज्जैन पुलिस द्वारा की गई आगे की जांच में कथित तौर पर खुलासा हुआ था कि ‘विराज शाह’ के खिलाफ अन्य राज्यों में भी मामले दर्ज थे.

2020 में ‘विराज शाह’ ने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश में बीजेपी के एक और विधायक के साथ भी यही हरकत करने की कोशिश की. जांच से जुड़े पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वे कथित तौर पर फोन पर तत्कालीन भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय के पास पहुंचा और दावा किया कि वे अमित शाह का भतीजा है और आगरा में एक होटल खरीदना चाहता है.

फिर उसने कथित तौर पर 40,000 रुपये के कपड़े खरीदे और उपाध्याय के बेटे को उनके लिए भुगतान करने के लिए कहा. हालांकि, विधायक को शक हुआ और उसने उसे इंटरनेट पर ढूंढने की कोशिश की. उनके संदेह की पुष्टि तब हुई जब उन्हें वरिष्ठ राजनेता से जोड़ने के लिए कुछ भी नहीं मिला. 30 नवंबर 2020 को फिर से आईपीसी की धारा 406 और 420 के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई. फिर, पटेल कुछ दिनों के लिए जेल में रहा, लेकिन जमानत पर बाहर आ गया.

वडोदरा पुलिस के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि इन मामलों की स्थिति की भी जानकारी नहीं है. अधिक जानकारी के लिए दिप्रिंट उज्जैन और आगरा पुलिस के पास भी पहुंचा. जैसे ही पटेल के वकील या पुलिस दिप्रिंट के कॉल का जवाब देंगे इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.

(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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