नयी दिल्ली, चार नवंबर (पीटीआई फैक्ट चेक) भारत और कनाडा के मध्य बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच सोशल मीडिया पर हाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ एक फर्जी दावा किया गया।
सोशल मीडिया पर पाकिस्तान और कनाडा समर्थित कुछ अकाउंट्स द्वारा एक ग्राफिक शेयर कर कहा गया कि इंटरपोल ने अमित शाह का नाम वांछितों की सूची में शामिल कर लिया है। हालांकि, पीटीआई फैक्ट चेक की पड़ताल में यह दावा फर्जी और पूरी तरह से निराधार निकला। जांच में पता चला कि इंटरपोल ने ऐसी कोई सूची जारी नहीं की है।
‘खबर.टीवी’ नाम के पाकिस्तानी फेसबुक पेज पर एक नवंबर को शाह की तस्वीर वाला एक ग्राफिक कार्ड साझा किया गया जिसके साथ लिखा था, “विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि भारत के गृह मंत्री अमित शाह का नाम हाल ही में इंटरपोल की वांछित सूची में शामिल किया गया है। कनाडा के उप विदेश मंत्री द्वारा उन पर कनाडाई सिख नागरिकों के खिलाफ हत्या का आदेश देने के आरोप के बाद शाह मुश्किल में हैं।”
वायरल ग्राफिक को समान दावे के साथ सोशल मीडिया पर कई अन्य पाकिस्तानी यूजर्स ने भी शेयर किया।
पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क ने वायरल दावे की सत्यता जांचने के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। यदि इंटरपोल ने भारत के गृह मंत्री को ऐसी किसी सूची में शामिल किया होता, तो इससे जुड़ी खबरें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में होतीं।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए डेस्क ने इंटरपोल की आधिकारिक वेबसाइट का रुख किया और ग्राफिक में दी गई जानकारी के आधार पर अलग-अलग कीवर्ड के जरिये वेबसाइट पर उपलब्ध ‘रेड नोटिस’ सूची में अमित शाह का नाम ढूंढ़ने की कोशिश की, लेकिन हमें इन सूचियों में गृह मंत्री का नाम नहीं मिला।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा और भारत के बीच तनाव तब बढ़ गया जब कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने आरोप लगाया कि भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने कनाडाई सिख नागरिकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के आदेश दिए थे। भारत ने इन आरोपों को “बेतुका और निराधार” बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया। भारत ने कहा कि इस तरह के आरोप दोनों देशों के संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को कहा कि कनाडा के अधिकारियों द्वारा जानबूझकर गलत सूचनाओं को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में लीक करने की एक साजिश रची गई है, जिसका उद्देश्य भारत की छवि खराब करना है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इस तरह के निराधार आरोपों का दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा असर पड़ेगा।
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट है कि कनाडा के निराधार आरोपों के बाद पाकिस्तान और कनाडा समर्थित सोशल मीडिया हैंडल्स से मनगढ़ंत और फर्जी दावा सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
पीटीआई फैक्ट चेक
साजन
जितेंद्र अविनाश नेत्रपाल
नेत्रपाल
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