दमोह, 16 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने कथित ‘फर्जी’ हृदय रोग विशेषज्ञ मामले में कार्रवाई करते हुए बुधवार को दमोह स्थित ‘मिशन अस्पताल’ का लाइसेंस निलंबित कर दिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इस अस्पताल में नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम मरीजों की अनधिकृत सर्जरी करता था।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, गिरफ्तार किए गए यादव द्वारा आपरेशन किए गए सात हृदय रोगियों की बाद में मौत हो गई।
दमोह जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) मुकेश जैन ने बताया कि अस्पताल का लाइसेंस 31 मार्च 2025 को समाप्त हो गया था जबकि प्रबंधन ने पिछले वर्ष दिसंबर में नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था।
उन्होंने बताया कि लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन अस्पताल में कुछ कमियां पाए जाने के बाद प्रबंधन को वापस कर दिया गया था। जैन ने बताया कि अस्पताल को कमियों को दूर करने के बाद सात दिनों के भीतर फिर से आवेदन करने के लिए कहा गया था।
जैन ने संवाददाताओं को बताया, “अस्पताल निर्धारित समय के भीतर आवेदन पुनः प्रस्तुत करने में विफल रहा। इसलिए ‘मिशन अस्पताल’ का लाइसेंस अगले आदेश तक निलंबित कर दिया गया है। अस्पताल को नए मरीजों को भर्ती न करने के लिए कहा गया है। वहां भर्ती मरीजों को दमोह जिला अस्पताल में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं।”
जैन ने बताया कि अस्पताल में ‘कैथीटेराइजेशन’ प्रयोगशाला या ‘कैथ लैब’ चलाने और कुछ अन्य विभागों की देखभाल करने के लिए चिकित्सक नहीं हैं।
पुलिस ने मंगलवार को अस्पताल में अवैध कैथ लैब चलाने के आरोप में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और कुछ दिन पहले ही अस्पताल को सील भी किया गया था।
पुलिस ने बताया, “ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऑनलाइन माध्यम से कैथ लैब का पंजीकरण करवाने के लिए मिशन अस्पताल के निदेशक सहित नौ लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।”
एक अधिकारी के अनुसार, अस्पताल ने जबलपुर के एक डॉ. अखिलेश दुबे के फर्जी हस्ताक्षर कर कैथ लैब के लिए पंजीकरण प्राप्त किया था।
पुलिस ने अस्पताल में सात मरीजों की मौत के मामले की जांच शुरू करने के बाद आठ अप्रैल को कथित जालसाजी और अन्य अपराधों के लिए यादव को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने छह अप्रैल को दमोह सीएमएचओ जैन द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर यादव के खिलाफ फर्जी मेडिकल डिग्री रखने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।
पुलिस के अनुसार, यादव ने ब्रिटेन के कार्डियोलॉजिस्ट का रूप धारण किया और डॉ. नरेंद्र जॉन कैम होने का नाटक किया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 315 (4) (बेईमानी से हेराफेरी), 338 (जालसाजी), 336 (3) (धोखाधड़ी के इरादे से दस्तावेजों या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को बनाना या बदलना), 340 (2) (जाली दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड) और 3 (5) (जब एक ही इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा आपराधिक कृत्य किया जाता है तो संयुक्त आपराधिक दायित्व) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
भाषा सं दिमो जितेंद्र
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