लखनऊ, सात अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश की लखनऊ पुलिस ने दिल्ली से दो लोगों को कथित तौर पर एक फर्जी कॉल सेंटर संचालित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आरोपी बैंक प्रतिनिधि बनकर लोगों को क्रेडिट कार्ड नवीनीकरण घोटाले में फंसाकर ठगी करते थे।
उन्होंने बताया कि इस गिरोह ने पिछले एक साल में 50 लाख रुपये से ज़्यादा की साइबर धोखाधड़ी की है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) निपुण अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि स्थानीय निवासी जितेंद्र कुमार ने जून माह में सरोजिनी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें बैंक अधिकारी होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति का फ़ोन आया, जिसने उन्हें बताया कि उनके क्रेडिट कार्ड की वैधता समाप्त होने वाली है और उसे नवीनीकरण की आवश्यकता है। इसके बाद जालसाज़ों ने उनके कार्ड को एक्सेस किया और 1.6 लाख रुपये निकाल लिए।
अग्रवाल ने अपर पुलिस उपायुक्तत डीसीपी वसंत कुमार के साथ बातचीत करते हुए कहा, ‘हमारी साइबर अपराध टीम और सरोजिनी नगर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दक्षिण दिल्ली के जैतपुर इलाके में संदिग्धों का पता लगाया और दो लोगों – विकास कुमार (28) और राहुल लखेरा (31) को गिरफ्तार किया।’
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से 25 मोबाइल फोन, लगभग 24 सिम कार्ड, एक लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं।
इसने बताया कि जांच से पता चला कि दोनों विकास कुमार के घर से काम करते थे, जो एक फर्जी कॉल सेंटर भी था। वहां कई महिलाएँ काम करती थीं, जो अनजान पीड़ितों को फर्जी कॉल करती थीं। उन्हें 10,000 रुपये से 15,000 रुपये तक का मासिक वेतन दिया जाता था।
डीसीपी अग्रवाल ने बताया कि गिरोह बिहार के ‘दुबे जी’ नाम के एक साथी द्वारा उपलब्ध कराए गए व्यक्तिगत डेटा का इस्तेमाल करता था, जो संभावित पीड़ितों की क्रेडिट कार्ड की जानकारी 10 रुपये प्रति ग्राहक की दर से देता था।
उन्होंने बताया कि राहुल लखेरा इससे पहले एक हत्या के मामले में फरीदाबाद जेल में सजा काट चुका है। उन्होंने बताया कि यहीं पर उनकी मुलाकात नवाब खान उर्फ रहमान नाम के एक साइबर धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड से हुई।
पुलिस के अनुसार, नवाब खान राहुल को दुर्भावनापूर्ण फ़ाइलें मुहैया कराता था – मोबाइल ऐप्स, जिन्हें पीड़ित के फ़ोन में इंस्टॉल करने पर धोखेबाज़ों को रिमोट एक्सेस मिल जाता था। ये ऐप्स क्रेडिट कार्ड नवीनीकरण या केवाईसी अपडेट की सुविधा के बहाने भेजे जाते थे।
लखनऊ पुलिस ने कहा कि अब नवाब खान और ‘दुबे जी’ की तलाश की जा रही है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे इस बड़े नेटवर्क के प्रमुख सदस्य हैं।
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह एक साल से ज़्यादा समय से सक्रिय था और विभिन्न राज्यों में दर्जनों पीड़ितों के साथ धोखाधड़ी करने का संदेह है।
डीसीपी अग्रवाल ने कहा कि गिरोह के वित्तीय लेन-देन का पता लगाने और उनके आपराधिक इतिहास का पता लगाने के लिए आगे की जाँच जारी है। अधिकारी अन्य पीड़ितों की पहचान करने और उनकी सहायता करने के लिए भी काम कर रहे हैं, जिन्हें इसी तरह के तरीकों का इस्तेमाल करके निशाना बनाया गया हो सकता है।
भाषा किशोर जफर देवेंद्र
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