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Monday, 18 November, 2024
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कथित फोन टैपिंग मामले में फडणवीस को मुंबई पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश

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मुंबई, 12 मार्च (भाषा) मुंबई की साइबर पुलिस ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को एक नोटिस जारी कर कथित अवैध फोन टैपिंग मामले में रविवार को उसके सामने पेश होने का निर्देश दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह बात कही।

संवाददाताओं से बातचीत में फडणवीस ने इस बात की पुष्टि की कि उन्हें पेशी का नोटिस मिला है और वह रविवार सुबह 11 बजे साइबर पुलिस थाने जाएंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा, “फडणवीस को जारी नोटिस में पुलिस ने कहा है कि मामले के संबंध में उन्हें पहले सीलबंद लिफाफों में प्रश्नावली भेजी गई थी, लेकिन उन्होंने उनका कोई जवाब नहीं दिया। इसके अलावा, जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें दो बार नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन वह दोबारा जवाब देने में नाकाम रहे।”

अधिकारी के मुताबिक, इसके अलावा फडणवीस को तीन पत्र भेजकर याद दिलाया गया था कि उन्हें पुलिस के सामने पेश होना है, लेकिन वह इन पत्रों का कोई जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि ताजा नोटिस में उनसे रविवार को साइबर पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।

पिछले साल मुंबई के बीकेसी साइबर पुलिस थाने में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ कथित तौर पर अवैध रूप से फोन टैप करने और गोपनीय दस्तावेज लीक करने का मामला दर्ज किया गया था। यह मामला राज्य के खुफिया विभाग (एसआईडी) की शिकायत पर दर्ज किया गया था।

हालांकि, प्राथमिकी दर्ज होने से पहले महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने गोपनीय रिपोर्ट लीक की थी।

शुक्ला पर एसआईडी प्रमुख रहते हुए राजनेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के फोन टैप कराने का आरोप है।

फडणवीस द्वारा पुलिस विभाग में तबादलों में कथित भ्रष्टाचार के बारे में शुक्ला की ओर से तत्कालीन पुलिस महानिदेशक को कथित रूप से लिखे गए एक पत्र का हवाला देने के बाद वह विवादों में घिर गई थीं।

पत्र में कथित तौर पर टैप किए गए फोन कॉल का भी ब्योरा था, जिसे लेकर शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने आरोप लगाया कि शुक्ला ने बिना अनुमति के फोन टैप किए।

पिछले साल अप्रैल में मुंबई पुलिस ने शुक्ला को पूछताछ के लिए बीकेसी साइबर सेल के सामने तलब किया था, लेकिन वह कोरोनो वायरस महामारी का हवाला देते हुए नहीं पहुंचीं। मई में मुंबई साइबर पुलिस की एक टीम ने कथित फोन टैपिंग मामले में हैदराबाद में उनका बयान दर्ज किया था।

भाषा पारुल उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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