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Tuesday, 5 August, 2025
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‘गेमिंग प्लेटफॉर्म’ पर ‘चैट’ का इस्तेमाल कर लोगों की भर्ती कर रहे चरमपंथी: अध्ययन

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नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) गेमिंग से जुड़े लोगों के साक्षात्कार पर आधारित एक अध्ययन से पता चला है कि ऐसे प्लेटफॉर्म जो खिलाड़ियों को गेमिंग के साथ-साथ चैट करने की सुविधा देते हैं, वो चरमपंथी समूहों के लिए प्रभावशाली उपयोगकर्ताओं की भर्ती करने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने का अवसर प्रदान करते हैं।

‘स्टीम’, ‘डिस्कोर्ड’ और ‘ट्विच’ जैसे गेमिंग से जुड़े प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को खेलते समय चैट और लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा देते हैं। ये प्लेटफॉर्म अपेक्षाकृत कम विनियमित भी माने जाते हैं।

‘फ्रंटियर्स ऑफ साइकोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि डिस्कोर्ड और ट्विच के उपयोगकर्ता आधार में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसके बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि यह स्थापित चरमपंथी समुदायों को कट्टरपंथी बनने और नए दर्शकों तक पहुंचने का अवसर प्रदान करता है।

सह-लेखक और ब्रिटेन के एंग्लिया रस्किन विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अध्येता विलियम ऑलचॉर्न ने कहा, ‘‘ये गेमिंग से जुड़े प्लेटफॉर्म चरमपंथियों को बड़े, अक्सर युवा और प्रभावशाली दर्शकों तक सीधी पहुंच प्रदान करते हैं। ये चरमपंथियों की भर्ती का एक प्रमुख साधन बन गए हैं।’’

निष्कर्षों से यह भी पता चलता है कि गेमिंग से जुड़े प्लेटफॉर्म पर सबसे आम विचारधारा दक्षिणपंथी उग्रवाद है, जिसमें नव-नाजीवाद और यहूदी-विरोधी भावना से संबंधित सामग्री को बढ़ावा देना शामिल हो सकता है।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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