नई दिल्ली: डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने पुरुलिया आर्म्स ड्रॉप मामले में मुख्य आरोपी किम डेवी के प्रत्यर्पण को लेकर कहा कि ‘कार्य प्रगति पर’ है. यह राजनीतिक विषय नहीं है और उन्हें बताया गया कि कार्य प्रगति पर है.
विदेश मंत्री ने कहा, ‘जब मैंने प्रधान मंत्री के रूप में पिछली बार 2019 में भारत का दौरा किया था, तो हमने इस बारे में बात की थी. हमने राजनीतिक स्तर पर गहन चर्चा की थी और हम सहमत हुए कि यह एक राजनीतिक विषय नहीं है, यह कुछ ऐसा है जिससे उचित अथॉरिटीज को निपटना चाहिए. और मुझे इसके बारे में सूचित किया गया है कि यह कार्य प्रगति पर है.’
17 दिसंबर, 1995 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में एक एंटोनोव एएन-26 विमान से अवैध हथियारों की एक बड़ी खेप गिराई गई थी.
आगे भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते के बारे में बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि हम यूरोप और भारत के बीच एक रूपरेखा स्थापित कर सकते हैं जो संबंधों और व्यापार को बढ़ाएगा और भारत व डेनमार्क दोनों के लिए फायदेमंद होगा.
रासमुसेन ने कहा, ‘डेनमार्क एक छोटा देश है, लेकिन मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हम एक समृद्ध देश हैं और हमने अन्य देशों के साथ व्यापार करके अपनी सारी समृद्धि हासिल की है.’
उन्होंने कहा, ‘हम अब महामारी, चीन के उदय, यूक्रेन में युद्ध के कारण एक भू-राजनीतिक स्थिति में हैं जहां वैश्वीकरण को पीछे की ओर धकेला जा सकता है और हमें इसकी आवश्यकता नहीं है. यह हमारे सर्वोत्तम सामान्य हित में नहीं है. इसलिए, यदि हम यूरोप और भारत के बीच एक ढांचा स्थापित कर सकते हैं जो कि संबंधों और व्यापार को बढ़ा सकता है जो यूरोप और भारत के लाभ के लिए हो, यह कुछ ऐसा है जिसकी डेनमार्क वकालत कर रहा है.
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