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Thursday, 9 May, 2024
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शिक्षा में सूचना-तकनीक व कृत्रिम मेधा के व्यापक प्रयोग पर चर्चा की विशेषज्ञों ने

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नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) में सोमवार से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में देश-विदेश से प्रत्यक्ष और डिजिटल तौर पर शामिल हुए शिक्षाविदों ने दूरस्थ और मुक्त शिक्षा की चुनौतियों के साथ-साथ इस क्षेत्र में सूचना तकनीक, कृत्रिम मेधा के व्यापक प्रयोग और डिजिटल संसाधनों के उपयोग से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की अवधारणा को साकार करने के उपायों पर चर्चा की।

‘मुक्त और दूरस्थ शिक्षा का परिदृश्य और नवाचार’ विषय पर आयोजित सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रोफेसर सरोज शर्मा ने कहा कि शिक्षा में सूचना-तकनीक व कृत्रिम मेधा (एआई) के व्यापक प्रयोग को बढ़ावा देने से उल्लेखनीय बदलाव सामने आएंगे।

प्रोफेसर शर्मा ने ‘विद्या धनम सर्व धनम प्रधानम’ की व्याख्या करते हुए ‘शिक्षा में गुणात्मकता’ व ‘शिक्षा से आत्मनिर्भरता’ पर बल दिया और कहा कि दूरस्थ और मुक्त शिक्षा के केंद्र में शिक्षार्थी है। उन्होंने भारत की शिक्षा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के आलोक में वैश्विक धरातल पर सतत विकास लक्ष्य-4 की प्राप्ति तक ले जाने का उल्लेख किया।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी और राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के अध्यक्ष डॉक्टर निर्मल सिंह कलसी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘’दूरस्थ और मुक्त विद्यालयी शिक्षा में डिजिटल संसाधनों के उपयोग ने इसकी प्रासंगिकता को सभी के लिए सुलभ और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की अवधारणा को पूर्ण किया है।‘’

‘कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया’ (सीईएमसीए) के निदेशक डॉ. बशीरहमद शद्रच ने विभिन्न सामाजिक-आर्थिक संदर्भों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने में मुक्त और दूरस्थ शिक्षा की परिवर्तनकारी क्षमता के प्रयासों का उल्लेख किया।

सेमिनार में डिजिटल तौर पर शामिल हुए ‘कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग’ (सीओएल), कनाडा के अध्यक्ष डॉक्टर टोनी मेज़ ने शैक्षिक विकास के लिए सहयोगी प्रयासों की आवश्यकता पर बल देते हुए मुक्त और दूरस्थ शिक्षा पहल की वैश्विक प्रासंगिकता को उल्लेखनीय बताया।

सेमिनार में सागर स्थित डॉ. हरिसिंह गौर सागर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता, तेजपुर विश्वविद्यालय, असम के कुलपति प्रोफेसर शंभू नाथ सिंह, राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे ने भी विभन्न सत्रों में शिरकत की।

नोएडा में एनआईओएस और ‘कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया’ (सीईएमसीए) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय सेमिनार तीन अप्रैल तक चलेगा और इस दौरान तकनीकी सत्रों में देश-विदेश के शोधकर्ता और विद्वान अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।

भाषा माधव वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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