नई दिल्ली: उत्तरकाशी के सुरंग में 41 श्रमिक पिछले 16 दिनों से फंसे हुए है. इस बीच सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने बताया कि उत्तरकाशी सुरंग में वर्टीकल ड्रिलिंग का काम 30 नवंबर तक पूरा हो जाएगा.
उत्तरकाशी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महमूद अहमद ने कहा, “हमने लगभग 30 मीटर की ड्रिलिंग पूरी कर ली है. जो मौजूदा मशीन तैनात की गई है वह लगभग 40-45 मीटर तक ड्रिल कर सकती है. हम इस उद्देश्य के लिए दो और मशीनें लाए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि, “हमें उम्मीद है कि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम 30 नवंबर तक पूरा हो जाएगा.”
आज, सुरंग के मुख्य द्वार पर प्रार्थना की जा रही थी जहां फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है.
साथ ही उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खैरवाल ने बताया कि पीएमओ के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा ने निर्देश दिया कि फंसे हुए श्रमिकों के स्वास्थ्य की समय-समय पर निगरानी की जाए.
उन्होंने बताया कि, “आज पीएमओ से प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने दौरा किया. गृह सचिव अजय भल्ला, उत्तराखंड के मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों ने भी दौरा किया. जिसके बाद उन्होंने कहा कि अंदर फंसे लोगों का ख्याल रखा जाना चाहिए. उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जानी चाहिए.”
इससे पहले आज, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, प्रमोद कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन के 16 वें दिन उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे प्रयासों का जायजा लिया.
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने प्रमोद कुमार मिश्रा के साथ सुरंग के अंदर काम का निरीक्षण किया.
प्रमुख सचिव ने टनल के अंदर फंसे श्रमिकों के लिए भेजी गई खाद्य सामग्री के बारे में भी जानकारी ली. पीके मिश्रा ने फंसे मजदूरों और उनके परिजनों से भी बात की.
12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा धंसने के बाद, सुरंग के सिल्कयारा किनारे पर 60 मीटर के हिस्से में गिरे मलबे के कारण 41 मजदूर निर्माणाधीन ढांचे के अंदर फंस गए है.
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