जम्मू, 10 अगस्त (भाषा) केंद्र सरकार द्वारा समय से पहले सेवानिवृत्ति के आदेश के कुछ दिनों बाद, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी बसंत रथ ने बृहस्पतिवार को खुद को भाजपा कार्यकर्ता के रूप में ऑनलाइन पंजीकृत किया और लोगों से राजनीति की कठिन यात्रा के लिए आशीर्वाद मांगा।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) रैंक के अधिकारी रथ ‘‘घोर कदाचार और दुर्व्यवहार की कई घटनाओं’’ के लिए पिछले तीन वर्षों से निलंबित थे। उन्हें सरकार ने सात अगस्त की एक अधिसूचना के माध्यम से समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दी थी। बुधवार को मीडिया में इस बारे में खबर आई।
रथ ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर पार्टी में ऑनलाइन शामिल होने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से एक स्वागत नोट का स्क्रीनशॉट साझा किया।
रथ के भाजपा में शामिल होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी की जम्मू कश्मीर इकाई के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने कहा, ‘‘कोई भी ऑनलाइन माध्यम से सदस्य के रूप में भाजपा में शामिल हो सकता है। अंतत: पार्टी नेतृत्व निर्णय लेता है कि व्यक्ति को शामिल किया जाए या पार्टी में कोई जिम्मेदारी दी जाए।’’
हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। उन्हें (रथ को) अनुशासनहीनता के कारण समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दी गई थी।’’
रथ ने पिछले साल जून में सेवा से इस्तीफे की घोषणा की थी और बाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला या पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती के खिलाफ भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी।
बृहस्पतिवार को एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर साझा किए गए तीन पन्ने के ‘‘धन्यवाद नोट’’ में रथ ने कहा, ‘‘आज, मैं खुद को एक नए प्रयास के शिखर पर पाता हूं, जो सार्वजनिक सेवा की मशाल को आगे बढ़ाना चाहता है। यह बड़ा मंच है और मैं विनम्रतापूर्वक आपके हार्दिक आशीर्वाद की प्रार्थना करता हूं क्योंकि मैं राजनीति नामक इस कठिन यात्रा पर चल रहा हूं।’’
रथ ने कहा कि भारतीय पुलिस सेवा में उनके 23 वर्षों में लगातार लोगों से उन्हें स्नेह मिला। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा दिल कृतज्ञता, प्रशंसा और उद्देश्य की जबरदस्त भावना से भरा हुआ है। प्यार, अपनेपन और करुणा के अटूट बंधन से बंधे हुए हमने एक साथ जो यात्रा की है, वह उल्लेखनीय से कम नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सार्थक और प्रभावी सार्वजनिक सेवा का मार्ग जटिलताओं, चुनौतियों और असंख्य विकल्पों से भरा हुआ है।’’ जुलाई 2000 में रथ को ‘‘घोर कदाचार और दुर्व्यवहार की कई घटनाओं’’ के लिए केंद्र सरकार द्वारा तत्काल प्रभाव से सेवा से निलंबित कर दिया गया था।
रथ के खिलाफ यह कार्रवाई जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के एक पखवाड़े बाद हुई। रथ ने शिकायत में ‘‘अपनी जान, स्वतंत्रता और गंजे सिर’’ का हवाला दिया था।
सात अगस्त को जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि राष्ट्रपति को अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के 2000-बैच के आईपीएस अधिकारी रथ को ‘‘सार्वजनिक हित में तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्त करने की आवश्यकता है।’’
एक कार्यालय ज्ञापन में, गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार, केंद्र शासित डिवीजन के प्रस्ताव और रथ के प्रदर्शन पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अधिकारी ‘‘सार्वजनिक रूप से सेवा में बनाए रखने के लिए उपयुक्त नहीं है और उन्हें तत्काल प्रभाव से समय से पहले सेवा से सेवानिवृत्त करने का निर्णय लिया गया है।’’
भाषा आशीष नरेश
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