चेन्नई, 21 मार्च (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया षणमुगम को जमानत दे दी। पुलिस ने उनके खिलाफ जुलाई 2020 में मामला दर्ज किया था जिसके चलते उन्हें 19 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया।
न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने सुनवाई के बाद डॉ. सुब्बैया को अंतरिम राहत प्रदान कर दी। सरकारी अस्पताल में ऑन्कोलॉजी विभाग (कैंसर निदान) के प्रमुख डॉ. सुब्बैया के वकील आरसी पॉल कनकराज के अनुसार बालाजी विजयराघवन ने 25 जुलाई, 2020 को आदमबक्कम पुलिस में उनके मुवक्किल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत के मुताबिक याचिकाकर्ता ने दुश्मनी के कारण गेट के अंदर इस्तेमाल किया हुआ मास्क फेंक दिया और उसके घर के सामने पेशाब किया।
भारतीय दंड संहिता की धारा 271 और 427 के अलावा तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निवारण अधिनियम की धारा चार के तहत मामला दर्ज किया गया था। कनकराज ने कहा कि शिकायतकर्ता और याचिकाकर्ता के बीच विवाद को बहुत पहले ही सुलझा लिया गया था, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों के दबाव में गिरफ्तारी की गई क्योंकि याचिकाकर्ता छात्र संगठन का पदाधिकारी है। कनकराज ने कहा कि उनके मुवक्किल को 48 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखने के लिए सार्वजनिक अवकाश पर गिरफ्तार किया गया था। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने डॉ. सुब्बैया को अंतरिम जमानत दे दी।
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