नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए के सीकरी ने भारत को विवाद समाधान और मध्यस्थता का केंद्र बनाने की जरूरत पर जोर दिया है।
इंडियन डिस्पयूट रिजोल्यूशन सेंटर (आईडीआरसी) द्वारा आयोजित ‘भारत में मध्यस्थता सम्मेलन 2022’ में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सीकरी ने कहा कि इस दिशा में शुरू में छोटे-छोटे कदम उठाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ एक दिन में हम यह नहीं सोच सकते कि पश्चिमी देश आएंगे और भारत को एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में देखेंगे। तो क्यों न दक्षिण एशियाई देशों से शुरुआत की जाए। सिंगापुर, हांगकांग जैसे देशों में हमारे अच्छे मध्यस्थता केंद्र हो सकते हैं, लेकिन भारत के आसपास के छह-सात देशों में कुछ भी नहीं है।’’
शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश ने कहा, ‘‘एक बार जब हम शुरू कर देंगे तो वे (भारत में मध्यस्थता करने के लिए) तैयार रहेंगे। अगर हम अपना काम दिखाने में, अपनी योग्यता दिखाने में और दुनिया को यह प्रदर्शित करने में सक्षम हैं कि हम सफल हैं, तो अन्य देशों में भी इसका विस्तार होगा।’’
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह ने भी मध्यस्थों के एक प्रशिक्षित सूमह की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में आईडीआरसी जैसे और ज्यादा मध्यस्थता केंद्रों की जरूरत है।
उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायाधीशों तथा वरिष्ठ अधिवक्ताओं के अलावा, आईडीआरसी पैनल के मध्यस्थों, प्रमुख कानून फर्म तथा बार एसोसिएशन के सदस्यों ने सम्मेलन में भाग लिया। यह कार्यक्रम 28 मई को दिल्ली के ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ में आयोजित किया गया।
भाषा आशीष नेत्रपाल
नेत्रपाल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.