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शनिवार, 26 अप्रैल, 2025
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पहलगाम हमले के जम्मू-कश्मीर के पर्यटन पर असर को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहेः शेखावत

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(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि कुछ नापाक इरादे वाले लोग घाटी में फिर से ‘‘अलगाववाद और आतंकवाद को भड़काने’’ की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय हर संभव कोशिश करेगा कि पहलगाम हमले के कारण जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को होने वाला नुकसान ‘‘कम से कम’’ हो।

केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड (सीएबीए) की बैठक से इतर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह और उनका कार्यालय केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव और पर्यटन सचिव के साथ ‘‘लगातार संपर्क’’ में हैं और स्थिति पर नजर रखे हुए है।

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर प्रमुख पर्यटन स्थल बैसरन पर मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। मृतकों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और नेपाली नागरिक समेत दो विदेशी और दो स्थानीय लोग शामिल हैं।

मंत्री की अध्यक्षता में बैठक शुरू होने से पहले उपस्थित लोगों ने एक मिनट का मौन रखा।

शेखावत ने यहां ‘भारत मंडपम’ में आयोजित बैठक में अपने शुरुआती संबोधन में कहा, ‘‘पूरा देश दुखी है और आक्रोश से भी भरा हुआ है। मैं पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।’’

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस कायराना घटना से हमारी भावनाएं आहत हुई हैं। लेकिन कुछ लोग अपने नापाक इरादे से कश्मीर में फिर से अलगाववाद और आतंकवाद भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।’’

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी विदेश यात्रा बीच में ही छोड़कर स्वदेश लौट आए और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने अन्य कार्यों को टालकर श्रीनगर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस हमले पर उनका रुख स्पष्ट रूप से भारत और प्रधानमंत्री के, आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने के दृष्टिकोण को दर्शाता है।’’

शेखावत ने कहा कि जैसा कि दोनों नेताओं (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह) ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हमले के लिए जिम्मेदार हर शख्स को ‘‘कड़ी से कड़ी सजा’’ मिले।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले, ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और ‘एयर स्ट्राइक’ के जरिए भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत विरोधी गतिविधियां चाहे वे भारतीय धरती से हों या देश के बाहर से, देश उन्हें अब बर्दाश्त नहीं करेगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने हमले के मद्देनजर जम्मू कश्मीर सरकार और पर्यटन विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया है, इस पर शेखावत ने कहा, ‘‘मैं सभी के संपर्क में हूं, मेरा कार्यालय, मेरे सचिव भी जम्मू कश्मीर में पर्यटन सचिव, जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव के संपर्क में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम लगातार संपर्क में हैं और इस पर नजर रख रहे हैं। हम इस घटना के कारण कश्मीर में पर्यटन और पूरे देश में पर्यटन को होने वाले नुकसान को कम करने की अपनी पूरी कोशिश करेंगे।’’

बैठक में अपने शुरुआती संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने सीएबीए की बैठकों की ‘‘आवृत्ति बढ़ाने’’ का सुझाव दिया और अफसोस जताया कि लगातार दो बैठकों के बीच देरी या लंबा अंतराल बोर्ड या उसके सदस्यों के लिए अनुकूल स्थिति नहीं है। शेखावत सरकार में संस्कृति विभाग का भी प्रभार संभालते हैं।

सीएबीए की 37वीं बैठक 14 जून, 2022 को तत्कालीन केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी की अध्यक्षता में हुई थी।

उन्होंने कहा कि संसद का एक सदस्य पांच साल के लिए चुना जाता है और अगर सीएबीए की बैठक तीन साल या उससे अधिक के अंतराल के बाद होती है, तो यह एक नुकसान है, यह एक ‘‘राष्ट्रीय नुकसान’’ है।

संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सीएबीए की 38वीं बैठक की मेजबानी की।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बोर्ड का गठन 1945 में भारत सरकार द्वारा पुरातत्व अनुसंधान करने के लिए एएसआई और भारतीय विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों एवं राज्य सरकारों के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री सीएबीए के अध्यक्ष भी हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री की मंजूरी के बाद हर तीन साल में राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से बोर्ड का पुनर्गठन किया जाता है।

संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘सीएबीए की 38वीं बैठक में सलाहकार बोर्ड के सदस्यों से प्राप्त प्रस्तावों/सुझावों और पिछली बैठक के दौरान के प्रस्तावों/सुझावों पर की गई कार्रवाई पर चर्चा की जाएगी।’’

भाषा सुरभि पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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