नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को कहा कि दिल्ली के गार्गी कॉलेज में छात्राओं के साथ कथित छेड़छाड़ के मामले में बाहरी तत्व शामिल रहे और संस्थान प्रशासन से कार्रवाई करने को कहा गया है.
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई के पूरक प्रश्न के उत्तर में पोखरियाल ने कहा कि सरकार गार्गी कॉलेज की घटना से अवगत है.
उन्होंने कहा, ‘घटना में बाहरी लोग शामिल थे, छात्र नहीं. यह अच्छी घटना नहीं थी. कॉलेज प्रशासन से कार्रवाई करने को कहा गया है.’ गोगोई ने अपने प्रश्न में कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में यौन उत्पीड़न और डराने धमकाने के मामले सामने आते हैं जिन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि गार्गी कॉलेज में एक समारोह के बाद कुछ पुरुषों ने कथित तौर पर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की.
इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, गार्गी कॉलेज में हमारी बेटियों के साथ बद्सलूकी बेहद दुखद और निराशाजनक है। इसे क़तई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। दोषियों को पकड़ कर सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। और ये सुनिश्चित हो कि हमारे कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे सुरक्षित हों.
गार्गी कॉलेज में हमारी बेटियों के साथ बद्सलूकी बेहद दुखद और निराशाजनक है। इसे क़तई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। दोषियों को पकड़ कर सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। और ये सुनिश्चित हो कि हमारे कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे सुरक्षित हों।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 10, 2020
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, 4 दिन हो गए न तो दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई की और न कॉलेज ने. दिल्ली महिला आयोग दिल्ली पुलिस और कॉलेज को नोटिस जारी कर रही है. जब छेड़छाड़ हो रही थी, पुलिस के जवान यहां तैनात थे, दिल्ली पुलिस इस तरह से आंखें मूंद कर नहीं बैठ सकती.
Swati Maliwal, Delhi Commission for Women (DCW) Chief: We are investigating the matter and issuing notices to Delhi Police & college administration. Action should be taken against those who did this and those who protected them. https://t.co/j86ROMak47 pic.twitter.com/6IuUNfZo0o
— ANI (@ANI) February 10, 2020
खबरों के मुताबिक कुछ छात्राओं ने छह फरवरी को कॉलेज में फेस्ट के दौरान की इस अप्रिय घटना के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालीं. उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियों ने उपद्रवी समूहों को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया.
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि आईआईटी और आईआईएम जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों में पिछले पांच साल में छात्रों के पढ़ाई बीच में छोड़ने के मामलों में कमी आई है.
इससे पहले गार्गी कॉलेज की छात्राओं ने सांस्कृतिक उत्सव के दौरान पुरुषों के एक समूह के कॉलेज में दाखिल होने और कथित छेड़छाड़ की घटना को लेकर सोमवार को प्रदर्शन किया.
वहीं, दिल्ली पुलिस ने बताया कि उसने मामले जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज भी देखी जा रही है. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस को हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है. गार्गी कॉलेज के गेट के बाहर सोमवार को 100 से अधिक छात्राओं ने इस संबंध में प्रदर्शन किया. छात्राओं और शिक्षकों ने इस घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर भी जानकारी साझा की थी.
सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार छह फरवरी को कॉलेज उत्सव ‘रेवरी’ के दौरान शाम करीब साढ़े छह बजे नशे में धुत पुरुषों के समूह ने कॉलेज के प्रवेश द्वार पर धावा बोल दिया और अंदर घुस गए.
छात्राओं ने आरोप लगाया कि ‘रैपिड एक्शन फोर्स’ और दिल्ली पुलिस के जवान वहीं गेट के पास तैनात थे, जहां से ये पुरुष कथित तौर पर अंदर आए.
नाम उजागर न करने की शर्त पर एक छात्रा ने कहा, ‘‘ वहां सुरक्षा में भारी चूक थी. छात्राओं को गलत तरीके से छुआ गया, छेड़छाड़ की और उन पुरुषों द्वारा हाथापाई भी की गई, जिनकी उम्र 35 साल के आसपास लग रही थी. कॉलेज ने सुरक्षा का दावा किया है लेकिन मुझे नहीं लगता कि देश में किसी भी कॉलेज परिसर में ऐसी कोई घटना हो सकती है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)