हैदराबाद, छह जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद इटेला राजेंद्र शुक्रवार को तेलंगाना में कालेश्वरम सिंचाई परियोजना में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के समक्ष पेश हुए।
राजेंद्र 2021 में भाजपा में शामिल हुए थे। इससे पहले वह भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता थे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया था।
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आयोग ने उनसे 11-12 प्रश्न पूछे और उन्होंने उन सभी के उत्तर दिए।
भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि तत्कालीन वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने परियोजना के संबंध में वित्त विभाग के (प्रासंगिक नियमों) के अनुरूप ही कार्य किया था।
परियोजना की रिपोर्ट तैयार करने, रूपरेखा और क्रियान्वयन का कार्य सिंचाई विभाग द्वारा किया गया।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में वह परियोजना के निर्माण के लिए तत्कालीन बीआरएस सरकार द्वारा विशेष उद्देश्य के लिये बनाई गई कंपनी (एसपीवी) कालेश्वरम कॉरपोरेशन द्वारा हासिल किये गए कर्ज की प्रक्रिया में शामिल नहीं थे।
दरअसल, सिंचाई विभाग में बिल, कार्य की प्रगति और कार्य की गुणवत्ता की जांच के लिए एक लेखा एवं लेखापरीक्षा शाखा है।
राजेंद्र ने कहा कि उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक सफर में हमेशा ईमानदारी और नैतिकता के साथ लोगों की सेवा की है।
उन्होंने आयोग के समक्ष बुलाए जाने की आलोचना को खारिज कर दिया। इस आयोग का नेतृत्व उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सी. घोष कर रहे हैं।
राजेंद्र ने मांग की है कि कांग्रेस सरकार आयोग के निष्कर्षों को सार्वजनिक करे और परियोजना में हुई गड़बड़ी तथा नुकसान के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई करे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस टिप्पणी से पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को बचाने की कोशिश कर रहे हैं कि कालेश्वरम परियोजना मंत्रिमंडल का एक सामूहिक निर्णय था, राजेंद्र ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री राव ने खुद पूर्व में कई बार घोषणा की थी कि यह परियोजना उनके दिमाग की उपज थी।
भाषा दिलीप
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