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बुधवार, 16 अप्रैल, 2025
होमदेश'तलवार के बल पर भारत में सुशासन स्थापित किया': दिल्ली में सम्राट विक्रमादित्य पर आधारित नाट्य मंचन जारी

‘तलवार के बल पर भारत में सुशासन स्थापित किया’: दिल्ली में सम्राट विक्रमादित्य पर आधारित नाट्य मंचन जारी

यह महामंचन 13 और 14 अप्रैल को भी जारी रहेगा. मंचन में पालकी, रथ, घोड़े और एलईडी ग्राफिक्स के स्पेशल इफेक्ट्स का प्रयोग किया जा रहा है.

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नई दिल्ली: लाल किले परिसर में 12 अप्रैल की शाम सम्राट विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित तीन दिवसीय महानाट्य महामंचन की भव्य शुरुआत हुई. ऐतिहासिक माधवदास पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम ने दिल्लीवासियों को सांस्कृतिक गौरव और इतिहास से रूबरू कराया. मंचन में 250 कलाकारों ने सम्राट विक्रमादित्य के जीवन संघर्ष, पराक्रम और न्यायप्रिय शासन व्यवस्था को जीवंत किया.

कार्यक्रम का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया. वे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस दौरान मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय पर्यटन-संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मंच पर मौजूद रहे.

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारत एक नए युग में प्रवेश कर चुका है और आज की पीढ़ी को अपने सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य न्याय और सुशासन के प्रतीक थे और यह आयोजन हमारे युग का नया सांस्कृतिक आयाम है.

एमपी के मुख्यमंत्री यादव ने सम्राट विक्रमादित्य के शासन की 2000 वर्ष पुरानी परंपरा का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने तलवार के बल पर न सिर्फ भारत में सुशासन स्थापित किया, बल्कि विक्रम संवत की परंपरा शुरू कर संस्कृति को गौरवान्वित किया. उन्होंने इसे रामराज्य की झलक बताते हुए कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति की अविरल धारा को दर्शाता है.

सीएम यादव ने कहा, “विदेशी आक्रांताओं ने भारत की मान मर्यादा को बिगाड़ा. उन्होंने लालच की वजह से हमारी संस्कृति को चुनौती दी. यहां के वीर महापुरुषों ने हर परिस्थिति में भारत की आन बान शान को बचाया है. इस वजह से हमारी इस संस्कृति का कभी अंत नहीं हो सका. सनातन संस्कृति गंगा की अविरल धारा की तरह उज्जवल धवल नीर की तरह बहती रहेगी. हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि सम्राट विक्रमादित्य ने तलवार के बलबूते पर न केवल पूरे देश को सुशासन में बदला, बल्कि देश से आगे जाकर शासन की व्यवस्थाओं को मजबूत किया और समूची मानवता को धन्य किया. हमारे यहां संवत प्रवर्तन में भी विक्रम संवत् प्रारंभ करने की जो परंपरा है उसको भी सम्राट विक्रमादित्य ने गौरवान्वित किया. उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य के शासन को याद करते हैं तो वह भगवान श्री राम के रामराज्य की याद आती है.”

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्लीवासियों को इतिहास को सजीव देखने और समझने का अवसर मिला है. उन्होंने आयोजन के लिए मध्यप्रदेश सरकार का आभार जताया.

दिल्ली की मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि एमपी के सीएम यादव ने दिल्ली की जनता को विक्रमादित्य के चरित्र और शौर्य को देखने और समझने का अवसर दिया है. उन्होंने कहा, “मेरा और दिल्ली का परम सौभाग्य है कि आज ये दिन दिल्ली को देखने को मिला. सौभाग्य की बात है कि शौर्य और पराक्रम के प्रतीक सम्राट विक्रमादित्य पर महानाट्य मंचन यहां हो रहा है.”

यह महामंचन 13 और 14 अप्रैल को भी जारी रहेगा. मंचन में पालकी, रथ, घोड़े और एलईडी ग्राफिक्स के स्पेशल इफेक्ट्स का प्रयोग किया जा रहा है. साथ ही, विक्रमादित्यकालीन मुद्रा और मुद्रांक, भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा और मध्यप्रदेश की विकास यात्रा पर केंद्रित प्रदर्शनी भी लगाई गई है.


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