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कोयंबटूर (तमिलनाडु), 28 अक्टूबर (भाषा) उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने मंगलवार को कहा कि श्रमिकों और उद्योग के फायदे के लिए एर्णाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत ट्रेन तमिलनाडु के चार कपड़ा केंद्रों पर रुकेगी।
उपराष्ट्रपति बनने के बाद शहर की अपनी पहली यात्रा के दौरान राधाकृष्णन ने कहा कि उनके अनुरोध पर रेलवे ने झारखंड के रांची से कोयंबटूर तक दैनिक ट्रेन सेवा संचालित करने की सहमति दे दी है ताकि श्रमिकों का बिना किसी कठिनाई के कार्यस्थल तक पहुंचना सुनिश्चित किया जा सके।
‘कोयंबटूर सिटीजन फोरम’ द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए राधाकृष्णन ने कहा, “रेलवे ने मेरे दो अनुरोधों पर सहमति दे दी है। जल्द ही एर्णाकुलम से बेंगलुरु जाने वाली वंदे भारत ट्रेन उद्योग के लाभ के लिए कोयंबटूर, तिरुपुर, इरोड और सलेम के चार कपड़ा केंद्रों पर रुकेगी।”
उन्होंने कहा कि यह सेवा जल्द ही शुरू होगी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि रांची से कोयंबटूर के लिए दैनिक रेल सेवा भी जल्द ही शुरू हो जाएगी जो श्रमिकों की आरामदायक यात्रा के लिए वरदान साबित होगी।
उपराष्ट्रपति ने क्षेत्र में अधिक विकास सुनिश्चित करने के वास्ते यहां हवाई अड्डे का विस्तार बेंगलुरु हवाई अड्डे के समान करने के लिए अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया।
किसानों की मांग पर उन्होंने कहा कि यदि उद्योग को भी बढ़ावा दिया जाए तो इस क्षेत्र का विकास हो सकता है। उन्होंने कहा, “दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। औद्योगिक विकास के बिना कृषि समृद्ध नहीं हो सकती। मोदी सरकार के विकसित भारत कार्यक्रम से तमिलनाडु और कोयंबटूर को भी काफी लाभ होगा।”
झारखंड, तेलंगाना और पुडुचेरी के राज्यपाल तथा उपराष्ट्रपति के रूप में पदोन्नत किए जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, “मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी, लेकिन ऐसा हुआ”।
राधाकृष्णन ने कहा, “मैं दो बार (संसदीय चुनाव) जीता, लेकिन तीन बार हार गया। फिर मोदी जी का फोन आया। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको कहीं भेजना चाहता हूं।’ और मैंने जवाब दिया, ‘जी, जैसी आपकी इच्छा।’ फिर, तीन दिन बाद जब मैं तिरुपुर में एक शोक सभा में गया था, तो मुझे सूचना मिली कि मुझे झारखंड का राज्यपाल बना दिया गया है। मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी, लेकिन ऐसा हुआ।”
उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया था। उन्होंने कहा, “आज मैंने उपराष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया है। यह दर्शाता है कि प्रयास हमारे हैं, लेकिन निर्णय ईश्वर के हैं, मैं इसे इसी रूप में देखता हूं।”
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह पद उनके लिए व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि वे इसे “दुनिया भर में रहने वाले सम्पूर्ण तमिल समुदाय, हमारी भूमि और कोयम्बटूर के लिए सम्मान” मानते हैं।
इससे पहले, सेशेल्स गणराज्य की आधिकारिक यात्रा से लौटने पर उपराष्ट्रपति का राज्य के अधिकारियों तथा भाजपा और अन्नाद्रमुक सदस्यों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
राधाकृष्णन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “उपराष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद तमिलनाडु की अपनी पहली यात्रा पर आज कोयंबटूर पहुंचकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई। कोयंबटूर के लोगों के गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए मैं उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।”
भाषा प्रशांत नरेश
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