नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफओ) की ब्याज दर में कमी को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद उसने श्रमजीवी लोगों पर ‘‘हमले’’ बढ़ा दिये हैं।
विधानसभा चुनाव के परिणाम बृहस्पतिवार को घोषित किए गए थे और भाजपा ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में जीत हासिल की थी, जबकि गोवा में उसने अपने दम पर कुल विधानसभा सीटों में से आधे का आंकड़ा छू लिया था। पंजाब में आप ने जीत दर्ज की थी।
सूत्रों ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर ब्याज दर घटाकर 8.1 फीसदी करने का प्रस्ताव किया। यह बीते चार दशक से भी अधिक समय में सबसे कम ब्याज दर है, 2020-21 में यह दर 8.5 फीसदी थी।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘इन विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद मोदी सरकार प्रतिशोध के साथ श्रमजीवी लोगों पर हमले बढ़ा दिये हैं। इस हमले का विरोध करें, जो नौकरी छूटने, मूल्यवृद्धि आदि के साथ बढ़ती कठिनाइयों की पृष्ठभूमि में आयी है।’’
कर्मचारी द्वारा सेवानिवृत्ति कोष में जमा की जाने वाली राशि पर यह 8.1 प्रतिशत ब्याज दर 1977-78 के बाद से सबसे कम है। उस वर्ष कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर 8 प्रतिशत थी।
भाषा अमित दिलीप
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