नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसी के भी कश्मीर जाने के लिए माहौल अनुकूल है, लेकिन कश्मीरी पंडितों के लिए निर्णय उन्हें या ‘एजेंसियों’ को करना होगा।
देश के सबसे बड़े अर्द्धसैन्य बल के प्रमुख ने कहा कि सीआरपीएफ यह सुनिश्चित करेगा कि ‘‘जब भी उसे सरकार द्वारा अनुकूल माहौल बनाने के लिए कहा जाएगा, वे ऐसा करेंगे।’’ कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ के करीब 65,000 जवान तैनात हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘मौसम किसी के भी कश्मीर आने जाने के लिए अनुकूल है। कश्मीरी पंडितों के लिए इस पर कोई निर्णय उन्हें या एजेंसियों को करना होगा। मुझे इस बारे नहीं पता…।’’ सिंह ने कहा, ‘‘जो कुछ भी सरकार हमें करने के लिए कहेगी, हम वह करेंगे।’’
उन्होंने यह भी कहा कि सीआरपीएफ उन कश्मीरी पंडितों के परिसर को खाली कर देगा जो घाटी में अपनी पुश्तैनी संपत्तियों का ‘‘दावा’’ करने के लिए वापस जाएंगे। कश्मीर में सीआरपीएफ के पास 737 परिसर हैं, जिन पर उसने शिविर और कार्यालय स्थापित किए हैं।
इनमें 333 सरकारी भवन, कश्मीरी पंडितों के आवास समेत 265 निजी भवन, 71 कृषि योग्य भूखंड, 26 औद्योगिक इकाइयां या कारखाने, 30 होटल, आठ बाग, दो सिनेमा हॉल, एक स्कूल और एक अस्पताल शामिल हैं।
सिंह ने कहा कि सीआरपीएफ को जम्मू कश्मीर में 10 स्थानों पर अपने शिविर बनाने के लिए 524 कनाल भूमि स्थानांतरित की गई है। सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का प्रशासन निजी संपत्तियों के मामले में मालिकों को किराए का भुगतान करता है।
महानिदेशक ने कहा, ‘‘अगर वे (कश्मीरी पंडित) हमारे पास अपनी संपत्ति का दावा करने आते हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। हम तुरंत सरकार से दूसरी जगह मांगेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या करीब 3.25 लाख कर्मियों वाला अर्द्धसैन्य बल अपने कर्मचारियों के लिए ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग करेगा, सिंह ने कहा कि सीआरपीएफ ने अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी फिल्म या नाटक जिसमें प्रेरक या उत्साह बढ़ाने वाली सामग्री हो, उसे देखा जाना चाहिए। हम एक बड़ी ताकत हैं जो चारों ओर फैली हुई है। हमें व्यवस्था करनी होगी। हम इसके बारे में सोचेंगे।’’
‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म घाटी में कश्मीरी पंडितों के खिलाफ अत्याचार पर आधारित है। सीआरपीएफ 19 मार्च को जम्मू में अपना 83वां स्थापना दिवस मनाएगा, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह औपचारिक परेड की सलामी लेंगे और जवानों को संबोधित करेंगे। बाद में, मंत्री केंद्र शासित प्रदेश में चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों पर एक बहु-एजेंसी सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
भाषा आशीष पवनेश
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