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Saturday, 21 September, 2024
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थाने व चौकी स्तर पर प्रभावी निगरानी सुनिश्चित हो: गहलोत

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जयपुर, 28 जनवरी (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक प्रत्येक पीड़ित को न्याय दिलाने की सोच के साथ निचले स्तर तक कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ बनाने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं।

उन्होंने कहा कि जिलों में थाने व चौकी स्तर तक प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की जाए और राज्य को अपराध नियंत्रण में अग्रणी बनाया जाए।

गहलोत शुक्रवार को पुलिस महानिरीक्षक व जिला पुलिस अधीक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि विभिन्न नवाचारों से पॉक्सो कानून, महिला अत्याचार तथा अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न के मामलों के निस्तारण में लगने वाले औसत समय में उल्लेखनीय कमी आई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्कर्म के मामलों में पड़ताल समय वर्ष 2018 में 211 दिन था, जो वर्ष 2021 में घटकर 86 दिन रह गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने वर्ष 2021 में पॉक्सो कानून के 510 मामलों में अपराधियों को सजा दिलाई है, जिनमें से चार मामलों में मृत्युदण्ड तथा 35 मामलों में आजीवन कारावास की सजा मिली है। उन्होंने कहा कि पुलिस आगे भी ऐसे मामलों में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करे।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस की कार्यशैली को आधुनिक, जन-अनुकूल बनाने के उद्देश्य से थानों में स्वागत कक्ष, महिला अपराधों की रोकथाम एवं प्रभावी जांच-पड़ताल के लिए हर जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद का सृजन, अनिवार्य प्राथमिकी पंजीयन, जघन्य अपराधों के लिए अलग इकाई का गठन, महिला एवं बाल डेस्क का संचालन, सुरक्षा सखी, पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक, महिला शक्ति आत्मरक्षा केंद्र जैसे नवाचार किए हैं जिनके और बेहतर परिणाम हासिल होने चाहिए।

उन्होंने निर्देश दिए कि जिन थानों में स्वागत कक्ष नहीं बने हैं, वहां यह काम जल्द पूरा किया जाए और जिला पुलिस अधीक्षक स्वागत कक्षों का निरीक्षण करें, ताकि जिस मंशा के साथ इनका निर्माण किया गया है, उसे पूरा किया जा सके।

गहलोत ने निर्देश दिए कि साइबर एवं आर्थिक तथा अन्य अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिला पुलिस अधीक्षक नवाचार अपनाएं और पुलिस हिरासत में मौतों, दुष्कर्म, बाल अपराध, महिला अत्याचार आदि की घटनाओं को प्राथमिकता व गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में मीडिया को वास्तविक स्थिति से तुरंत अवगत कराया जाना चाहिए, ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगडे़।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय में भी छुआछूत और दबंगों द्वारा दूल्हे को घोड़ी से उतारने जैसी घटनाएं मानवता पर कलंक हैं तथा इन घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस विशेष प्रयास करे।

भाषा कुंज पृथ्वी नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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