नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि सुनिश्चित करें कि अहमदनगर जिले के श्रीरामपुर में पंचायत समिति गठित करने की खातिर आम चुनाव ‘‘गंभीरता से’’कराए जाएं और उसके द्वारा निर्धारित तिहरे जांच के अनुरूप हो।
न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने विकास कृष्ण राव गवली मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद आरक्षित ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवार के पंचायत समिति के अध्यक्ष पद पर निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पंचायत समिति का कार्यकाल 23 फरवरी 2022 तक ही है इसलिए वह नहीं चाहता कि मामला और आगे खींचे और जिलाधिकारी के जवाब को स्वीकार करता है कि यह उनके द्वारा की गई संभावित चूक थी।
पीठ ने कहा, ‘‘बहरहाल, इस याचिका का निस्तारण करते हुए हम अंतरिम आदेश जारी रखने का निर्देश देते हैं और प्रतिवादी संख्या सात, जिन्हें श्रीरामपुर पंचायत समिति का अध्यक्ष चुना गया है, इस समिति की आम सभा का चुनाव होने और नवगठित समिति के कार्यभार संभाल लेने तक कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेंगे।’’
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह जिलाधिकार के कार्य का अनुमोदन नहीं कर रहा है लेकिन वह प्रतिवादी संख्या सात को भी अपदस्थ करने के लिए निर्देश जारी नहीं कर रहा है क्योंकि पंचायत समिति की आम सभा का चुनाव कराने में कम समय बचा हुआ है।
पीठ ने कहा, ‘‘हम महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को निर्देश देते हैं कि सुनिश्चित करें कि श्रीरामपुर पंचायत समिति का आम चुनाव पूरी गंभीरता से कराया जाए ताकि नवगठित समिति उस समय तक कार्य भार संभाल ले जब निवर्तमान समिति का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।’’
भाषा नीरज
नीरज अनूप
अनूप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.