नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह दिल्ली को आवंटित ऑक्सीजन में से शनिवार को ही 490 मीट्रिक टन प्राणवायु की आपूर्ति करे. इसने कहा कि ऐसा न करने पर उसे अवमानना कार्रवाई का सामना करना होगा.
अदालत ने यहां बत्रा अस्पताल में ऑक्सीन आपूर्ति की कमी की वजह से आठ लोगों की मौत का संज्ञान लिया और सरकार से कहा, ‘बस बहुत हो गया.’
कोर्ट ने केंद्र से पूछा, ‘आपको क्या लगता है कि जब दिल्ली में लोग मर रहे हैं तो हम आंखें बंद कर लेंगे.’ यही नहीं कोर्ट ने अपना आदेश टालने से इनकार कर दिया और कहा, ‘पानी सिर के ऊपर आ चुका है.’
इसने कहा कि सरकार ने दिल्ली के लिए ऑक्सीजन आवंटन किया है और उसे यह पूरा करना चाहिए.
राजस्थान सरकार ने क्रायोजेनिक टैंकर क्यों नहीं छोड़े
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को केन्द्र से पूछा कि अदालत के पिछले आदेशों के बावजूद राजस्थान सरकार ने रोके गए चार क्रायोजेनिक टैंकर क्यों नहीं छोड़े. ये क्रायोजेनिक टैंकर दिल्ली के लिए थे और इनका इस्तेमाल कोविड-19 रोगियों के इलाज में किया जाना है.
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 26 अप्रैल को आश्वासन दिया था कि इन टैंकरों को छोड़ दिया जाएगा. पीठ ने कहा कि इस आश्वासन को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं.
अदालत ने केन्द्र को तीन मई को उसके आदेश पर अमल करने के लिये कहा.
अवकाश के दिन विशेष सुनवाई कर रही पीठ ने पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे कार्यवाही शुरू की, जो अभी भी जारी है.
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