नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से संबद्ध धन शोधन के एक मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी से यहां अपने कार्यालय में सोमवार को आठ घंटे तक पूछताछ की।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (34) केन्द्रीय जांच एजेंसी के नए कार्यालय में सुबह करीब 11 बजे गए थे और रात आठ बजे से कुछ पहले उन्हें बाहर निकलते देखा गया।
बनर्जी के साथ उनके सुरक्षा कर्मी और कानूनी टीम थी।
अधिकारियों ने बताया कि अभिषेक बनर्जी के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए गए और जांचकर्ताओं द्वारा एकत्र किए गए कुछ सुबूतों के बारे में उनसे पूछताछ की गई।
उन्होंने बताया कि मामले में उनकी भूमिका और अन्य आरोपियों से उनके संबंधों की जांच की जा रही है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे बनर्जी ने ईडी के कार्यालय से बाहर निकलने के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह ,‘‘ कानून का पालन करने वाले व्यक्ति हैं और इसलिए उन्होंने जांच में सहयोग किया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई,ईडी जैसी जांच एजेंसियों और आयकर विभाग का इस्तेमाल भाजपा ‘‘विपक्ष और उसकी राजनयिक हस्तियों को डराने’’ के लिए कर रही है।
अभिषेक बनर्जी ने कहा,‘‘ अगर उन्हें लगता है कि वे मुझे डराने के लिए जांच एजेंसियों को लगा देंगे, मुझे पीछे कर देंगे, यह सुनिश्चित करने के लिए कि मैं राजनीतिक मैदान से दूर रहूं और उनके गलत कामों पर उनसे सवाल न करूं तो वे भ्रम में हैं।’’
बनर्जी ने कहा कि इस मामले में मंगलवार को पूछताछ के लिए तलब की गई उनकी पत्नी रुजीरा ‘नहीं आएंगी’ क्योंकि उन्हें उनके ढाई साल के बच्चे की देखभाल करनी है।
डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी से इस मामले में पिछले साल सितंबर में भी एक बार पूछताछ की गई थी।
दिल्ली के लिए रवाना होते हुए बनर्जी ने रविवार को कोलकाता हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा था कि केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार, पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में मिली हार को स्वीकार नहीं कर पा रही है और अपने राजनीतिक हितों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल कर रही है।
बनर्जी और उनकी पत्नी ने पहले ईडी द्वारा दिल्ली तलब किए जाने के खिलाफ अदालत का रुख किया था। याचिका में कहा गया था कि दोनों पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, इसलिए एजेंसी द्वारा उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में पेश होने के लिए नहीं बुलाया जाए। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 11 मार्च को उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी ने सीबीआई द्वारा नवंबर 2020 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन रोकथाम कानून, 2002 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें आसनसोल और उसके आसपास के कुनुस्तोरिया तथा कजोरा इलाकों में ‘ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड’ की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला घोटाले का आरोप लगाया गया है।
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शोभना प्रशांत
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