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पटना, 24 जून (भाषा)केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा 1975 में लगाए आपातकाल को मंगलवार को भारतीय लोकतंत्र का ‘‘सबसे काला अध्याय’’ करार दिया।
इंदिरा गांधी नीत कांग्रेस सरकार ने 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की थी और यह 21 मार्च 1977 तक लागू रहा। इस दौरान व्यापक प्रेस सेंसरशिप, बिना सुनवाई के गिरफ्तारियां और शिक्षा जगत, राजनीति और नागरिक समाज में असहमति को दबाने की कार्रवाई हुई।
मनोहर लाल ने आपातकाल की 50वीं बरसी से एक दिन पहले बिहार विधानसभा में आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू किया था। यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला दिन था।’’
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों को बिना किसी कारण के जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज दबा दी गई।
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय उन लाखों भारतीयों के संघर्ष, बलिदान और शहादत को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने तत्कालीन कांग्रेस सरकार की तानाशाही और अत्याचारों के बावजूद लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष किया।
मनोहर लाल ने कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक संदेश है ताकि कांग्रेस जैसी तानाशाही मानसिकता भविष्य में दोबारा ऐसा न कर सके।
इस अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण जैसे नेताओं सहित हजारों लोगों को बिना कारण जेल में डाल दिया गया था और लाखों लोगों की नसबंदी कर दी गई थी।
सिन्हा ने कहा, ‘‘50 साल बाद भी कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता में कोई बदलाव नहीं आया है।’’
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश
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