कोलकाता, 12 अगस्त (भाषा) निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत को समन जारी किया और कहा कि वह ‘दागी’ अधिकारियों को न हटाने पर दिल्ली आकर स्पष्टीकरण दें।
यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब पश्चिम बंगाल सरकार ने एक दिन पहले आयोग को पत्र लिखकर कहा कि मतदाता सूची संशोधन में कथित ‘‘अनियमितताओं’’ को लेकर अभी अपने अधिकारियों को निलंबित करने का उसका कोई इरादा नहीं है।
राज्य के शीर्ष नौकरशाह को 13 अगस्त को शाम पांच बजे तक निर्वाचन सदन में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया।
विश्लेषकों ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार और निर्वाचन आयोग के बीच जारी टकराव में यह एक नया विवाद है।
चुनाव निकाय का निर्देश ऐसे समय आया जब पंत ने सोमवार को उसे पत्र भेजकर कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा चिह्नित किए गए अधिकारियों को निलंबित करना और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना ‘‘कठोर’’ होगा तथा बंगाल के अधिकारी समुदाय पर इसका ‘‘निराशाजनक प्रभाव’’ पड़ेगा।
इसके बजाय, सरकार ने निर्वाचन आयोग द्वारा चिह्नित पांच अधिकारियों में से दो को फिलहाल सक्रिय चुनाव ड्यूटी से हटाने और मामले की ‘‘आंतरिक जांच’’ शुरू करने का फैसला किया।
भाषा नेत्रपाल नरेश
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